(वरिष्ठ पत्रकार के विक्रम राव ने जाने माने रंगकर्मी एलेस पद्मसी को उनके जाने के बाद जिस तरह याद किया वह हम सबके लिए अहम है। उन्होंने ये बताया कि किस तरह हमारे तथाकथित मुख्य धारा की मीडिया ने कला-संस्कृति-रंगमंच-साहित्य-संगीत जैसे विषयों और इनसे जुड़ी खबरों को हाशिए पर धकेल दिया है। यह तमाम मीडिया जगत के लिए शर्म की बात है कि ज्यादातर अखबारों और चैनलों के लिए राजनीति
पंडित लच्छू महाराज की बात ही कुछ और थी... कुछ ही महीने पहले जब मशहूर कथक सम्राट बिरजू महाराज ने तबले पर अपना बेहतरीन हुनर दिखाया तो संगीतप्रेमियों को पंडित लच्छू महाराज की याद आ गई। पंडित लच्छू महाराज जब तबले के साथ होते थे तो वक्त मानो ठहर जाता था। नन्हीं सी उम्र में लगातार 16 घंटे तबला बजाकर सितारा देवी जैसी मशहूर कथक नृत्यांगना को हैरत में डाल देने वाले लच्
आसमान पर राज करने वाले, अपने हैरतअंगेज़ करतबों से आसमान को मुट्ठी में कर लेने वाले और दुनिया को अपनी ताकत का एहसास कराने वाले भारतीय वायु सैनिकों का जलवा देखना अपने आप में एक अनुभव से गुज़रने जैसा है। 86वें वायुसेना दिवस के मौके पर हिंडन एयरबेस पर वायुसैनिकों ने पूरी लयबद्धता और तालमेल के साथ जो एयर शो दिखाया, जिस तरह की परेड पेश की और अनुशासन का जो शानदार नमूना दिखाया उससे पूरे देश क
- कलाकारों ने कैनवास पर कलाकृतियों को किया जीवंत - योगी, बुद्ध, श्रीकृष्णा से लेकर प्रकृति के मनोरम दृश्यों को दिया आकार आबू रोड (राजस्थान)। योग-साधना में लीन योगी, गोकुल में गाय के साथ बांसुरी बजाते श्रीकृष्ण, शांत मुद्रा में ध्यान की अवस्था में राजयोगी, प्रकृति का शांत वातावरण और उगते सूरज का अनुपम नजारा। ये दृश्य पेंटिं