त्रिलोचन जी को याद करना एक पूरे युग को याद करने जैसा है। उनका विशाल रचना संसार और बेहद सरल व्यक्तित्व अब आपको कहीं नहीं मिलेगा। उनकी कविताओं को, उनकी रचना यात्रा को और उनके साथ बिताए गए कुछ बेहतरीन पलों को साझा करना शायद बहुत से लोग चाहें, लेकिन बदलते दौर में, नए सामाजिक-राजनीतिक परिदृश्य में और साहित्यिक जमात की खेमेबाजी में त्रिलोचन आज भी हाशिए पर हैं। उनकी जन्म शताब्
(अमर उजाला के सलाहकार संपादक उदय कुमार इन दिनों पोर्ट लुई में चल रहे 11वें विश्व हिन्दी सम्मेलन में हिस्सा लेने मॉरीशस में हैं। अमर उजाला और अमर उजाला डॉट कॉम पर उदय जी वहां के सत्रों के कई पहलुओं पर लिख रहे हैं। हिन्दी फिल्मों का भारतीय संस्कृति से कितना गहरा नाता है ये बताने की कोशिश की प्रसून जोशी ने। उदय कुमार की ये रिपोर्ट हम अमर उजाला से साभार '7 रंग 'के पाठको
अांवला। पॉलपोथन नगर इफको टाउनशिप में स्वतंत्रता दिवस उल्लास के साथ मनाया गया। मुख्य अतिथि इफको, आंवला के कार्यकारी निदेशक श्री जी के गौतम ने परेड का निरीक्षण किया और ध्वजारोहण कर परेड की सलामी ली। परेड में शामिल इफको सुरक्षागार्ड ,केन्द्रीय विद्यालय के बच्चे एवं स्काउट गाइड के मजबूत इरादे और देश भक्ति के प्रति जज्बा देख पूरा स्टेडियम तालियों से गूंज उठा। विशेष वाद्ययंत्र और कद
इन आखिरी सांसों में अटल जी के पीछे का पूरा अतीत है... जीवन की जंग है... अस्पताल का वेंटिलेटर है.. कृत्रिम सांसें हैं ... लेकिन अब एक एक पल भारी है... 7 रंग ने अटल जी को हमेशा पूरे सम्मान और संवेदना से अपने साथ पाया है.. आज भी हम उनके अतीत को याद करते हैं.. खुशनुमा और जीवंत लेकिन अकेले व्यक्तित्व को महसूस करते हैं... उनकी चंद कविताएं और तस्वीरें फिर से आपके लिए... Read More
बदलते वक्त और विकास की अंधी दौड़ के साथ तमाम शहर बदल गए। हमारे गाज़ियाबाद की शक्ल-ओ-सूरत भी बदल गई। संस्कार से लेकर संस्कृति तक और विरासत से लेकर राजनीति तक.. आज़ादी के बाद से अबतक कैसे कैसे बदला ये शहर, क्या है इसकी कहानी, कैसी थी इसकी रवायत... हमारे शहर के ऐसे तमाम बुजुर्ग इस बदलाव के गवाह हैं, जिन्होंने गाजियाबाद को पल पल महसूस किया और जिया। ‘अमर उजाला’ ऐसे तमाम आदरणीय बुजुर्गों की या