बड़ी ही सस्ती, लेकिन जिसे वह सरल कहती हैं, गायिकी करने वाली फ़रीदा ख़ानम की समकालीन पाकिस्तानी फ़नकार मुन्नी बेगम से उनके कार्यक्रम के एक रोज़ पहले यानी पूर्व संध्या पर मैंने उनका एक इंटरव्यू लिया- सिटी ब्यूटीफ़ुल के सेक्टर बाइस में। वह मेंहदी हसन की तरह कभी संजीदा गायिकी नहीं कर सकी हैं
Read Moreजश्न-ए-रेख़्ता, ३ दिवसीय वार्षिक महोत्सव जिसके जरिए उर्दू भाषा के जन्म और विकास का जश्न मनाया जाएगा। इस महोत्सव के जरिए ऊर्दू भाषा के जन्म और भारतीय उपमहाद्वीप में उसके विकास की सराहना और इसकी सुंदरता और बहुमुखी प्रतिभा के प्रति जागरुकता पैदा करना है।
Read Moreसाउथ कोरिया…इस देश को दुनिया ‘शांत सुबह की भूमि’ के रुप में भी जानती है। ये देश पूर्वी एशिया में कोरियाई प्रायद्वीप के दक्षिणी अर्धभाग को घेरे हुए है। भारत के साथ भी दक्षिण कोरिया के व्यापारिक और आर्थिक रिश्ते अच्छे रहे हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत और दक्षिण कोरिया के बीच एक मजबूत पारंपरिक रिश्ता भी है
Read Moreदीवार पर उकेरे गए सात रंग और हर एक रंग की अलग कहानी। रचनात्मकता का मिश्रण और अभिव्यक्ति की आज़ादी, ये कुछ तस्वीरें अपने आप में बहुत कुछ बयां कर जाती हैं। राजधानी दिल्ली की चकाचौंध और भागदौड़ के बीच एक छोटा सा इलाका है शाहपुर जट, कहनेवाले तो इसे गांव भी कहते हैं लेकिन इन छोटी छोटी इमारतों और पतली गलियों में गांव जैसा कुछ रह नहीं गया है।
Read Moreबाजीराव मस्तानी फिल्म के मस्तानी लोकजीवन से कुछ अलग हट कर नयी चर्चा का केंद्र बनी। जरूरी नहीं कि फिल्म का सारा कथानक सही ही हो। मस्तानी महाराजा छत्रसाल की बेटी नहीं थी, लेकिन उसे किसी राजकुमारी जैसा ही पाला गया था और उसके लिए महल भी बनाया था। आज यहां भारी भीड़ उमड़ रही है।
Read Moreबुंदेलखंड की एक से एक शानदार धरोहरें यहां की आन-बान और शान को बयान करती हैं। आज यह इलाका सूखा और कृषि संकट से तबाह है। तो भी यहां की प्राकृतिक संपदा से लखनऊ और भोपाल का खजाना भर रहा है।
Read Moreज़िंदगी को खुशहाल बनाने, तनाव से मुक्त रहने और सुख-समृद्धि की भला किसे चाहत नहीं होती। इसके लिए जितनी ज़रूरत अपनी जीवन शैली और सोच को संतुलित और संयमित करने की है वहीं यह भी बेहद ज़रूरी है कि आप जहां रहते हैं, जहां काम करते हैं और जहां आपका ज्यादा से ज्यादा वक्त गुज़रता है, उसकी दशा और दिशा ठीक हो।
Read Moreघर या फ्लैट के कमरे, रसोईघर, पूजाघर, खिड़की, दरवाज़े और आलमारियां आदि के रख रखाव में दिशाओं का ध्यान रखना बेहद ज़रूरी है। इसी कड़ी में हम आपको बताना चाहेंगे कि कैसे करीने से सजा हुआ घर आपके व्यक्तित्व में चार चांद लगा देता है। आज की नई पीढ़ी ड्राइंग रूम और लिविंग रूम को सजाने में काफी दिलचस्पी लेने लगी है।
Read Moreशब्द का अपकर्ष भाषा की हत्या है। विकलांग शब्द का दिव्यांग किया जाना मैं एक शब्द की हत्या मानता हूं। संवेदनशील समाज तो विकलांग शब्द का प्रयोग पहले भी बेहद सम्मान के साथ किया करता था। बस, ट्रेन या किसी भी अन्य स्थान पर विकलांग बंधुओं के लिए संवेदनशील लोग सदैव सहानुभूति रखते हैं। जिन लोगों की सोच बदलने के लिए दिव्यांग शब्द लाया गया है, उनके लिए तो यह शब्द भी व्यंग्य और उपेक्षा का शब्द ब
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