Month: February 2019
हम सबके थे नामवर जी
7 Rang
February 22, 2019

नामवर सिंह किसके थे? वामपंथियों के या दक्षिणपंथियों के या फिर मध्यमार्गी? उनकी आखिरी विदाई के वक्त उनके पार्थिव शरीर पर सीपीआई के छात्र संगठन एआईएसएफ ने अपनी पट्टी के साथ फूल चढ़ाए थे। उनके गुज़र जाने पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक ने शोक जताया। भले ही कोई उनकी अंतिम यात्रा में शरीक न हुआ हो, लेकिन संदेश भेजने में कोताही

Read More
रंगमंच और नृत्य का गहरा रिश्ता है – पंडित बिरजू महाराज
7 Rang
February 22, 2019

रंगमंच की दुनिया में नए नए प्रयोगों और कई नए नाटकों के मंचन के साथ 20वां भारत रंग महोत्सव खत्म हो गया। कथक की पाठशाला कहे जाने वाले पद्मविभूषण पंडित बिरजू महाराज को इस मौके पर सुनना एक अनुभव था। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से अपने गहरे जुड़ाव और तमाम नृत्यशैलियों के साथ नाटकों की प्रस्तुतियों के बारे में पंडित बिरजू महाराज से बेहतर भला कौन बोल सकता है। आखिरी दिन कमानी सभागार में पंडि

Read More
रोहित वेमुला पर बनी फिल्म ने उठाए कई अहम् सवाल
7 Rang
February 20, 2019

रोहित वेमुला की आत्महत्या और उसके बाद उठे जनाक्रोश ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। दलित राजनीति के नाम पर वेमुला की खुदकुशी एक बड़ा मुद्दा बनी लेकिन इस घटना के पीछे के सच को तलाशने की कोशिश सही तरीके से कभी नहीं हुई। इस घटना के चार साल बाद फिल्मकार दीपा धनराज ने इस पूरी घटना पर और इसके तमाम पहलुओं पर फिल्म बनाई – वी हैव नॉट कम हियर टू डाई ।

Read More
निराला : एक याद या विषाद !
7 Rang
February 13, 2019

वसन्त पंचमी मतलब वाणी पुत्र कवि निराला की सालगाँठ। कौन सी थी? बहस अभी जारी रहेगी। निराला किस सदी के थे? वे तो एक युग के हैं। किन्तु युग के मायने भी एक सीमित काल खण्ड से ही होगा। निराला तो कालजयी हैं। ऐसी हस्ती को एक सदी या एक युग के दायरे में बाँधने की मजाल कौन करें? फिर भी चन्द फितरतियों ने वृथा चर्चा चलवा दी थी।

Read More
चिट्ठी ना कोई संदेश, ना जाने कौन से देश…
7 Rang
February 8, 2019

वह 1977 का साल था। पहली दफा तभी जगजीत सिंह को सुनने का मौका मिला। लाइव नहीं, बल्कि उनके पहले अल्बम – ‘द अनफॉरगेटबल्स’ के दो एलपी रिकॉर्ड्स में। फिलिप्स के नए नए स्टीरियो की धमक के बीच जगजीत सिंह जब अपने अंदाज़ में ‘आहिस्ता आहिस्ता’ गाते तो हम सब उनके साथ साथ खुद भी ‘आहिस्ता आहिस्ता’ बरबस ही गाने को मजबूर हो जाते। वो अंदाज़ ही अलग था और उस दौर के नए नवेले ग़ज़ल गायक के इस अकेले अल्बम ने सं

Read More
आप बनारस के मणिकर्णिका कुंड के बारे में जानते हैं?
7 Rang
February 6, 2019

वरिष्ठ पत्रकार सुधीर राघव किसी भी शहर में रहते हैं, वहां के इतिहास को तलाशने की कोशिश ज़रूर करते हैं। आप उनके ब्लॉग sudhirraghav.blogspot.com में उनके कई ऐसे आलेख पढ़ सकते हैं और कई जगहों के बारे में जान समझ सकते हैं। फिलहाल कुछ महीनों से सुधीर राघव काशी नगरी यानी वाराणसी में हैं। घुमक्कड़ी की उनकी आदत है, सो वहां के तमाम दुर्लभ और चर्चित जगहों का इतिहास तलाश रहे हैं। इस आलेख में उन्होंने बनारस के मण

Read More
कैमरे में कैद कुंभ के कुछ ‘दुर्लभ साधु’
7 Rang
February 5, 2019

जाने माने फोटोग्राफर निर्मल वैद कुंभ के तमाम रंगों को कैमरे में समेट रहे हैं। वहां उन्होंने अलग अलग ऋृंखलाओं में कई तस्वीरें उतारीं और जिस एंगल से कुंभ को पकड़ा, वो दिलचस्प है। निर्मल वैद की फोटोग्राफी की कुछ झलक वहां आए दुर्लभ साधुओं और बाबाओं की ऋृंखला से...

Read More
क्या आपने ममता बनर्जी के भीतर का कलाकार देखा है?
7 Rang
February 5, 2019

क्या आप जानते हैं कि दुनियाभर में अपनी जुझारू और लड़ाकू छवि के लिए मशहूर ममता बनर्जी एक बेहतरीन पेंटर, कवियत्री और लेखिका भी हैं? संगीत में उनकी गहरी रूचि है और पिछले ही साल दुर्गापूजा के मौके पर ममता बनर्जी ने रौद्रर छाया नाम का एक अल्बम भी जारी किया है जिसमें उनके कंपोज किए गए सात गीत हैं। हालांकि उनके व्यक्तित्व के इन पहलुओं को लेकर सियासत भी खूब होती रही है। लेकिन ममता ने अपनी रच

Read More
ये पैरों की थिरकन और कथक की ये अदा…
7 Rang
February 4, 2019

कला और संस्कृति के क्षेत्र में मज़बूत दखल रखने वाले पत्रकार आलोक पराड़कर ने पंडित बिरजू महाराज को उनके 80 साल पूरे करने पर किस बारीकी से देखा और महसूस किया, यह उन्होंने अपने फेसबुक वॉल पर पोस्ट किया। 7 रंग के पाठकों के लिए आलोक पराड़कर को वही आलेख साभार पेश है...

Read More
क्या आपने ऐसी अद्भुत लाइब्रेरी देखी है?
7 Rang
February 2, 2019

देश भर में पुस्तकालयों की खस्ता हालत के बारे में हम अक्सर पढ़ते रहते हैं। यह बहस भी अक्सर सुनने को मिलती है कि इस डिजिटल ज़माने में किताबों के लिए किसके पास वक्त है। इसके बावजूद देश भर में पुस्तक मेलों का चलन बढ़ रहा है और प्रकाशकों की चांदी हो गई है। पुस्तकालयों को लेकर भी नज़रिये में बदलाव आ रहा है।

Read More
Copyright 2023 @ Vaidehi Media- All rights reserved. Managed by iPistis