जब से भारत रंग महोत्सव (भारंगम) शुरु हुआ है रंगकर्मियों और रंग संस्थाओं के लिए एक बड़े और प्रतिष्ठित मंच पर खुद को अभिव्यक्त करने का मौका मिलने लगा। पच्चीस साल हो गए। 1999 में जब इसकी शुरुआत हुई तो एनएसडी के निदेशक थे रामगोपाल बजाज। इन पच्चीस सालों में अब भारंगम का स्वरूप बदल गया, दायरा बड़ा होता चला गया और अब इसे एशिया का सबसे बड़ा थिएटर फेस्टिवल मान लिया गया गया है। लेकिन इस बार यानी 25वें भारत रंग महोत्सव में इसका रंग कुछ बदला बदला सा लगा। एक भारत, श्रेष्ठ भारत, एक देश, एक चुनाव जैसे सरकारी जुमलों की तरह ही इस बार इस रंग महोत्सव की सूत्र वाक्य भी रखा गया है एक रंग श्रेष्ठ रंग। बहरहाल रंगों की यह सांस्कृतिक सियासत क्या है और कैसे बदल रहा है भारत रंग महोत्सव का रंग इस बारे में बताने की कोशिश कर रहे हैं जाने माने रंग समीक्षक विमल कुमार।
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