करीब 115 साल पहले स्त्री दर्पण पत्रिका निकालकर स्त्री आंदोलन शुरू करने वाली संपादक रामेश्वरी नेहरू की स्मृति में रज़ा फाउंडेशन, स्त्री दर्पण और ड्रीम फाउंडेशन ने दिल्ली में एक सार्थक आयोजन किया। इस दौरान विमल कुमार के नए कविता संग्रह तवायफ़नामा समेत तीन अन्य किताबों का विमोचन हुआ और चर्चित लेखिका ममता कालिया, नासिरा शर्मा, कवि इब्बार रब्बी समेत कई जाने माने लेखकों, पत्रकारों, इतिहासकारों ने रामेश्वरी देवी के योगदान को याद किया। तवायफ़नामा पर सार्थक चर्चा भी हुई और हमारी समृद्ध गायिकी परंपरा के साथ साथ आजादी के आंदोलन में इन विदुषियों के योगदान को भी याद किया गया। रामेश्वरी देवी ने केवल सार्थक पत्रकारिता ही नहीं की हरिजनों और विभाजन के समय दंगा पीड़ितों की भी सेवा की। उस ज़माने में हिंदुस्तानी मौसिकी को बुलंदियों पर ले जानेवाली तवायफ़ गायिकाओं ने भी न केवल आज़ादी की लड़ाई में हिस्सा लिया बल्कि राष्ट्रनिर्माण में भी अहम भूमिका अदा की।
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