नहीं रहे मनुष्यता के लेखक मनु शर्मा ♦ आलोक श्रीवास्तव साल 2005, जुलाई की कोई तारीख़. भोपाल की प्रिंट पत्रकारिता से सीधे दिल्ली आया था. वो भी टीवी पत्रकारिता में. जीवन में इस बड़े बदलाव का श्रेय वरिष्ठ पत्रकार और अग्रज हेमंत शर्मा जी को जाता है. वही लाए थे भोपाल से दिल्ली. विदिशा जैसे छोटे से नगर का युवा पहली बार दिल्ली में न्यूज़ टीवी चैनल का भव्य और सुसज्जित दफ
कृष्ण को समझना है तो मनु शर्मा का उपन्यास 'कृष्ण की आत्मकथा' पढ़िए जाने माने साहित्यकार मनु शर्मा अपने पीछे साहित्य की एक ऐतिहासिक विरासत छोड़कर पंचतत्व में विलीन हो गए। वाराणसी के मणिकर्णिका घाट पर उन्हें अंतिम विदाई देने वालों की आंखें नम थीं। पद्मश्री मनु शर्मा को पौराणिक कथाओं और पात्रों को आधुनिक संदर्भ में उपन्यासों-कहानियों के जरिए जीवंत करने वा
‘बिज्जी’ आज भी हमारे बीच हैं...
स्टंट मास्टर और मार्शल आर्ट के लीजेंड हसन रघु का सम्मान अखिल भारतीय लोक व आदिवासी कला परिषद के जनरल सेक्रेटरी, मार्शल आर्ट के मास्टर और अपने स्टंट की बदौलत फिल्म इंडस्ट्री में अलग पहचान बनाने वाले हसन को उनके अभूतपूर्व योगदान के लिए कर्नाटक सरकार ने राज्योत्सव अवार्ड से सम्मानित किया। बेंगलुरू के एक राजकीय समारोह में मुख्यमंत्री सिद्धारमैय्या और संस्
नेशनल मिनीअचर कैम्प का आयोजन लघु चित्रकलाएं उन कलाओं में से एक है जिनका सीधा सम्बन्ध हमारी लोक कला और संस्कृति से है। लघुचित्र कलाएँ भारत की धरोहर रही हैं चाहे वो राजस्थानी हो, कांगड़ा हो या पहाड़ी। लघु चित्रकला भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो सदियों से हमारी सांस्कृतिक विरासत को अपने में सजोये हुए है। Read More
तमाम अखबार, सोशल मीडिया और टेलीविज़न चैनल ठुमरी साम्राज्ञी और बनारस घराने की अभूतपूर्व शख्सियत गिरिजा देवी को अपने अपने तरीके से श्रद्धांजलि दे रहे हैं... हर कोई इस महान गायिका की तमाम यादों और मन में बस जाने की उनकी गायन शैली के बारे में अपनी भावनाएं अभिव्यक्त कर रहा है... सोशल मीडिया के कुछ साथियों की पोस्ट हम आपको पढ़वाते हैं.. साथ ही अमर उजाला का वो शानदार पेज भी आपके लिए लाए हैं जो
दैनिक हिन्दुस्तान में 19 मार्च, 2016 से 16 अप्रैल, 2016 के बीच हर रविवार प्रकाशित हाने वाले कॉलम 'मेरी कहानी' में पांच कड़ियों में गिरिजा देवी से बातचीत पर आधारित उनके जीवन से जुड़े कुछ अनछुए पहलू प्रकाशित हुए थे। हम आपके लिए गिरिजा देवी के जीवन से जुड़ी उन कहानियों की पांचों कड़ियां दैनिक हिन्दुस्तान से साभार पेश कर रहे हैं।
गिरिजा देवी का जाना बनारस घराना आज एकदम सूना हो गया। ठुमरी, दादरा और उपशास्त्रीय गायन की तमाम शैलियों की महारानी गिरिजा देवी का जाना एक गहरे आघात जैसा है। उनकी जीवंतता, उनकी आवाज़ और व्यक्तित्व की सरलता किसी को भी अपना बना लेने वाली रही है। वो हमारे घर की एक ऐसे बुज़ुर्ग की तरह लगती थीं मानो उनसे हमारी कई कई पीढ़ियों को बहुत कुछ सीखना हो। आवाज़ की वो गहराई, जह