हमारे साथी और वरिष्ठ पत्रकार शरद गुप्ता पिछले दिनों राजस्थान गए थे... खासकर उदयपुर और कुंभलगढ़ घूमकर आए... उनकी नज़र में उदयपुर के सिटी पैलेस औ
वरिष्ठ पत्रकार और बीबीसी से लंबे वक्त तक जुड़े रहे क़ुरबान अली ने अपने शुरुआती दिनों में डॉ राही मासूम रज़ा के साथ कई मुलाकातें कीं, बहुत सा वक्त गुज़ारा... तब से लेकर आजतक देश के हालात को करीब से देखने वाले कुरबान अली ने डॉ रज़ा के गुज़रने के बाद ये आलेख संडे ऑब्जर्वर में लिखा था... उन्होंने डॉ राही मासूम रज़ा को कैसे देखा.. आप भी पढ़िए...
(हमारे साथी, वरिष्ठ पत्रकार, अमर उजाला में लंबे समय तक अहम पदों पर रहे और कला संस्कृति के क्षेत्र में लंबे समय से काम कर रहे प्रभात सिंह की वेबसाइट 'संवाद' कुछ अलग हटकर है। डॉ राही मासूम रज़ा को लेकर संवाद ने कुंवरपाल सिंह का एक आलेख छापा है। दरअसल
अमर भारती काव्योत्सव में उर्वशी अग्रवाल की कविता 'मी टू' ने बटोरी सराहना
गाजियाबाद। रोटी, कपड़ा और मकान के बाद आदमी की सबसे बड़ी जरूरत साहित्य है। समाज के लिए बुनियादी सुविधाओं के साथ तुलसी, सूर, कालिदास, शेक्सपियर, मिल्टन, प्रेमचं
सिल्वर लाइन प्रेस्टीज स्कूल के बच्चों ने 150वीं जयंती पर बापू को दी श्रद्धांजलि
गांधी जयंती एवं नवरात्र के मौके पर गाजियाबाद के सिल्वर लाइन प्रेस्टीज स्कूल में बच्चों द्वारा मनोहारी प्रस्तुतियां प्रस्तुत की गई। स्कूल की तीनों शाखाओं में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को व
दुष्यंत की याद में सालाना जलसा और अलंकरण समारोह ===========================
हर साल की तरह भोपाल के लिए एक सितंबर का दिन यादगार रहा । दुष्यंत कुमार संग्रहालय पांडुलिपि संस्थान ने अपने सालाना जलसे में चुनिंदा रचनाकारों का सम्मान किया और ये सूरत बदलनी चाहिए श्रृंखला के तहत जाने माने पत्रकार राजेश बादल को व्याख्यान के लिए बुलाया। उनकी राय थी कि आज मीडिया पिछले चालीस साल में पहली बार इतन
आज के दौर में राजेश कुमार को उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार
राजेश कुमार राजनीतिक व विचार प्रधान नाटकों के लिए जाने जाते हैं। उन्हें उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी की ओर से 2014 के लिए नाटक लेखन के लिए पुरस्कृत किये जाने की घोषणा की गयी है। वैसे राजेश कुमार इन पुरस्कारों स
गुलज़ार साहब की नज़्में हों या उनकी कविताई का अंदाज़, उनकी ज़िंदगी के फ़लसफ़े हों या साहित्यिक शख्सियतों से उनकी मुलाकातों के किस्से... आप सुनेंगे तो सुनते रह जाएंगे... अमृता प्रीतम की सौंवी सालगिरह मनाते हुए उन्हें चाहने वाले बेशक अमृता जी को अपने अपने तरीके से याद कर रहे हैं, लेकिन ज़रा गुलज़ार साहब और अमृता जी की मुलाकात के ये किस्से भी पढ़ि
अपने सौवें वर्ष में नेमिचन्द्र जैन को याद करने के कई कारण हैं - वे पिछली सदी के चैथे दशक में हिन्दी कविता के हरावल दस्ते के सदस्य थे, उन्होंने हिन्दी में उपन्यास की आलोचना को नयी सूक्ष्मता और मूल्यदृष्टि दी, कि वे आज तक उपन्यास के शिखर आलोचक हैं, उन्होंने हिन्दी नाटक को निरे अकाद