रूस और यूक्रेन के बीच सैनिक मुठभेड़ (युद्ध) का समापन इकतरफा तौर पर निस्संदेह रूस के पक्ष में होता नज़र आ रहा है, लेकिन इससे मास्को की विश्वव्यापी रणनीति का भी लगभग स्थाई खुलासा हो चुका है कि राष्ट्रहित के मामले में किसी किस्म का अंतरराष्ट्रीयवाद सहन नहीं किया जाएगा। कम्युनिज्म या और कोई समकालीनवाद राष्ट्र के हितों से परे ही बरता जाने को अभिशप्त है।
Read More16 जनवरी 2022 की रात करीब बारह- सवा बारह बजे का वक्त। दिल्ली के अपने घर में पंडित जी अपनी दो पोतियों रागिनी और यशस्विनी के अलावा दो शिष्यों के साथ पुराने फिल्मी गीतों की अंताक्षरी खेल रहे थे। हंसते मुस्कराते, बात बात पर चुटकी लेते पंडित जी को अचानक सांस की तकलीफ हुई और कुछ ही देर में वो सबको अलविदा कह गए। आगामी 4 फरवरी को वो 84 साल के होने वाले थे।
Read Moreउनकी शख्सियत में एक खास किस्म की रूमायित और सादगी थी। उनके भीतर इस उम्र में भी एक छोटा बच्चा था। उनके कथक की बारीकियां और उनकी भाव भंगिमाएं तो सबने देखीं और दुनिया ने उन्हें कथक सम्राट का दर्ज़ा भी दिया, लेकिन अस्सी पार करने के बाद भी उनके भीतर का वो बच्चा कृष्ण के नन्हें अवतार की तरह उनके नृत्य में, उनके चेहरे पर, उनकी आंखों में मचलता रहता था। वो कहते और डूब जाते, ‘कान्हा की लीलाएं और च
Read Moreजाने माने वयोवृद्ध कवि कृष्ण मित्र 88 साल के हो चुके हैं... उनकी यादों में तमाम साहित्यकार और कवियों के ढेर सारे अनुभव हैं। कृष्ण मित्र जी ने प्रख्यात गीतकार श्याम निर्मम को बहुत करीब से देखा और महसूस किया.. उनकी रचनाओं से लेकर उनके व्यक्तित्व के बारे में उनकी अपनी राय है। आदरणीय श्याम निर्मम जी की पुण्यतिथि पर उन्हें याद करते हुए 7 रंग के पाठकों के लिए कृष्ण मित्र जी का ये आलेख बहुत माय
Read More‘बदलते वक्त के साथ कहानियों का संसार बदला है, उन्हें पढ़ने के तौर तरीके भी बदले हैं। अब वो दौर नहीं है कि कहानियां या उपन्यास सोने से पहले नींद की गोली की तरह इस्तेमाल किए जाते थे... दो चार पेज पढ़ा, नींद आ गई फिर किताब किनारे रख दी। अब इंटरनेट पर तमाम प्लेटफॉर्म्स हैं, सोशल मीडिया है, जहां आप जब चाहें, पढ़ सकते हैं। इसलिए लिखते वक्त हमेशा इस बात का ध्यान रखना ज़रूरी है कि हम लिख किसके लिए
Read Moreसितार सम्राट पंडित रविशंकर से मिलना एक अनुभव था... युवावस्था में खराब आदतों के शिकार और विदेश में रहकर बिगड़ चुके पंडित जी ने कैसे सुधरी अपनी आदतें, कैसे बने एक संवेदनशील और मानवीय इंसान.. उनके गुरु ने कैसे बनाया उन्हें इतना बेहतरीन सितारवादक... संगीत ने कैसे बदली पंडित जी की ज़िंदगी....अतुल सिन्हा के साथ पंडित रविंशकर का एक ऐसा इंटरव्यू जिसमें पंडित जी ने बताई अपने दिल की बहुत सी बाते
Read Moreआज हम याद कर रहे हैं रघुवीर सहाय को। लखनऊ में 9 दिसंबर 1929 को जन्मे रघुवीर सहाय ने लखनऊ विश्वविद्यालय से 1951 से एमए किया, लेकिन बीए करने के बाद से ही उन्होंने उस वक्त के मशहूर अखबार नवजीवन में काम करना शुरु कर दिया। सोलह सत्रह साल की उम्र से ही उन्होंने कविताएं औऱ कहानियां लिखनी शुरु कर दी थीं। एमए करने के बाद दिल्ली आए और प्रतीक पत्रिका में काम करने के बाद आकाशवाणी के समाचार विभाग में नौक
Read Moreदेश के सौ से ज्यादा लेखकों और रचनाकारों ने फासीवादी ताकतों के उभार और पत्रकारों को संसद में जाने से रोकने जैसे सवालों पर नौ दिसंबर को प्रतिरोध दिवस मनाने का फैसला किया है। हिंदी के जाने माने कवि पत्रकार रघुवीर सहाय और मंगलेश डबराल की स्मृति में दिल्ली के प्रेस क्लब में आयोजित होने वाले इस प्रतिरोध दिवस कार्यक्रम में ये प्रस्ताव पास किया जाएगा कि देश भर में रचनाकर्म और संस्कृतिकर
Read Moreजाने माने कवि और बेहद आत्मीय मंगलेश डबराल को यूं खो देना आज भी मन में कचोट पैदा करता है। उनकी ढेर सारी यादें हैं। साहित्य जगत और खासकर कविता के क्षेत्र में उनके योगदान की कहानी और उपलब्धियां तो अपनी जगह हैं लेकिन उनके भीतर का संवेदनशील इंसान अपनी जगह। उनके तमाम दोस्त, संघर्षों के साथी और हर उतार चढ़ाव के गवाह हमारे कई वरिष्ठ लेखक, कवि, साहित्यकार औऱ संस्कृतिकर्मी उन्हें कभी नहीं भू
Read Moreआज बेशक नृत्य का अंदाज़ बदल चुका हो और आधुनिक नृत्य के जन्मदाता माने जाने वाले उदय शंकर को लोग न जानते हों, लेकिन जो लोग भी शास्त्रीय नृत्य की बारीकियों को थोड़ा बहुत जानते समझते और पसंद करते हैं, उनके लिए उदय शंकर का नाम अनजाना नहीं है। सितार के शहंशाह उनके भाई पंडित रविशंकर को लोग खूब जानते हैं लेकिन ये नहीं जानते कि पंडित रविशंकर को उनके बड़े भाई उदय शंकर ने सबसे पहले अपने बैले ट्र
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