ओज के कवि कृष्ण मित्र आज हमारे बीच नहीं हैं। ओज के इस महाकवि ने लगभग पांच दशक से भी अधिक समय तक देश-विदेश में गाजियाबाद का परचम लहराया। पिताश्री से. रा. यात्री के साहित्य होने के नाते मेरा उनसे पारिवारिक नाता तो बरसों से था। लेकिन मुझे उनका स्थाई संरक्षण करीब 38 साल पहले तब मिला जब एम. ए. करने के दौरान 1984 में मैं विनय संकोची के सानिध्य में दैनिक प्रलयंकर में उनका सहयोगी हो गया।
Read Moreरंगमंच के तमाम आयामों और थिएटर पर चलने वाली बहसों को करीब से देखने समझने और उसपर लगातार लिखने वाले नाटककार राजेश कुमार ने दिल्ली के उस नए ट्रेंड को पकड़ने की कोशिश की है जो रंगकर्मियों के लिए नया उत्साह जगाने वाला है। अब तक कई चर्चित नाटक लिख चुके राजेश कुमार ने स्टूडियो थिएटर की इस नई परिकल्पना को करीब से देखा।
Read Moreजाने माने रचनाकार सुरेश उनियाल का मानना है कि "कथा संवाद" में हो रहा विमर्श इस आयोजन को साहित्य संसद का स्वरूप प्रदान कर रहा है। कथा संवाद के जरिए कहानी की वाचिक परंपरा समृद्ध हो रही है। 20 नवंबर को कथा सवाद की ताजा कड़ी की अध्यक्षता करते हुए सुरेश उनियाल ने कहा कि यह आम मान्यता है कि प्रकाशित हो कर ही लेखक और लेखन लोकप्रिय होता है। जबकि रामचरित मानस को वाचिक परंपरा ने ही लोक में स्थापि
Read More'कल्चरल कोलैप्स' यानी सांस्कृतिक पतन पर केन्द्रित रज़ा फाउंडेशन की गोष्ठी पिछले दिनों दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में हुई। इस बारे में कवि मिथिलेश श्रीवास्तव ने क्या महसूस किया इसपर उन्होंने अपने फेसबुक पर कुछ इस अंदाज़ में लिखा।
Read Moreनई दिल्ली में 30 अक्टूबर की वह एक ऐसी शाम थी, जिसमें कोई औपचारिकता नहीं थी। कुछ कवि थे। कुछ कलाकार। कुछ प्रकाशक। कुछ शब्द प्रेमी। सब आपस में मिलने आए थे। बतियाने आए थे। सुख-दुख की बातें करने आए थे। अपने लिखे को सुनाने आए थे। दूसरों के लिखे को सुनने आए थे। वे अपना-अपना धैर्य साथ लेकर और ऊब छोड़कर आए थे।और फिर राजधानी के सिरी फोर्ट इलाके में एकेडमी ऑफ फाइन आर्ट्स एंड लिटरेचर के सभागार की व
Read Moreअपने देश की गंगा जमुनी तहज़ीब को शायरों ने जिस तरह देखा, महसूस किया उसे राजीव सिंह ने आज के संदर्भ में खूबसूरती से पेश किया है ... पूरी संवेदना और सामाजिक चिंताओं के साथ। इस आलेख को उन्होंने हाल के एक संदर्भ के साथ जोड़ा है जब अलीगढ़ की रूबी खान के खिलाफ कुछ मौलवियों ने फतवा जारी कर दिया। देश के मौजूदा माहौल की यह एक छोटी सी मिसाल भर है। लेकिन इसके मायने गहरे हैं।
Read Moreजाने माने फोटोग्राफर रवि बत्रा ने अपने कैमरे में उतारा है गणपति को अंतिम रूप देते हुए कलाकारों को, बाज़ार में तैयार खड़े गणपति को... तस्वीरें दिल्ली के अलग अलग इलाकों की हैं.. गणेश चतुर्थी पर अब मुंबई ही नहीं, पूरे देश में गणपति बप्पा अपने साथ ढेर सारी खुशियां लाते हैं
Read Moreगाजियाबाद में एक बार फिर साहित्य की महफिल सजी। जुलाई के कथा संवाद की खास बात कथा सम्राट प्रेमचंद को याद करना और उनकी प्रासंगिकता के साथ आज के कथा आंदोलन को जोड़ना रही। इसी संदर्भ में रिंकल शर्मा की किताब 'प्रेमचंद मंच पर' का लोकार्पण हुआ और जाने माने लेखक, कवि, पत्रकार और समालोचक प्रियदर्शन ने कई अहम बातें कहीं।
Read Moreएक बेहतरीन और अद्भुत उर्जा से भरपूर कलाकार हैं अशोक भौमिक। प्यार से उन्हें लोग भौमिक दा कहते हैं। संघर्षों से तपे और बढ़े हैं। करीब चार दशकों से जन आंदोलनों से जुड़े रहे हैं। अब तो वो अंतर्राष्ट्रीय ख्याति के बेहद संवेदनशील, सूक्ष्म दृष्टि रखने वाले और कला की बारीकियों पर लगातार लिखने वाले अद्भुत शख्सियत हैं। भौमिक दा की ताजा एकल प्रदर्शनी 'मेड इन द शेड' दिल्ली के कला प्रेमियों का
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