हरियाणा पिछले कई सालों से फिल्मकारों की पहली पसंद बना हुआ है। बॉलीवुड की तमाम फिल्मों में हरियाणवी संस्कृति की झलक साफ दिख रही है और हाल की हिट फिल्मों में हरियाणा की पृष्ठभूमि को केन्द्र में रखा गया है। कुरूक्षेत्र में आयोजित हरियाणा अंतर्राष्ट्रीय लघु फिल्म समारोह में प्रदेश के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने ऐलान किया कि हरियाणा का फिल्म उद्योग आने वाले दिनों में किसी से पी
चंडीगढ़ के तमाम खूबसूरत पार्कों में रोज़ गार्डन अपने आप में अनोखा है। पूर्व राष्ट्रपति ज़ाकिर हुसैन के नाम पर रोज़ गार्डन में गुलाब की सबसे ज्यादा प्रजातियां आपको मिल जाएंगी। 30 एकड़ में बना हुआ एक गुलाब के फूलों का बागीचा है इस में 1600 किस्मों के 50,000 गुलाब के पौधे लगे हुए है। 1967 में बना यह रोज़ गार्डन एशिया में सबसे बड़ा और सुन्दर माना जाता है। कुछ तस्वीरों में आप भी
किसानों के लिए सबसे प्यारी देश की मिट्टी, खेत की मिट्टी... इफ्को ने बनाया खेत की मिट्टी को सोना... गणतंत्र दिवस के मौके पर इफ्को की तरफ से किसान भाइयों को हार्दिक शुभकामनाएं...
अटल जी ने राजनीति का लंबा दौर देखा... कई मुकाम से होकर गुज़रे.... कई लम्हे कैमरे में कैद हुए.. इंटरनेट पर इनमें से बहुत सारे उपलब्ध भी हैं... उनकी चंद दुर्लभ तस्वीरें हमने भी आपके लिए निकाली हैं... देखिए... Read More
कैलाश खेर को जब भी आप सुनेंगे, एक अलग दुनिया में पहुंच जाएंगे। अपनी धुन का पक्का एक अकेला ऐसा शख्स जो आज अपने दम पर संगीत की दुनिया में वो मुकाम हासिल कर चुका है जिसकी मुरीद पूरी दुनिया है। 7 रंग के संपादक अतुल सिन्हा के साथ बेहद आत्मीय और दोस्ताना अंदाज़ में कैलाश खेर मिलते हैं। बातचीत के अंदाज़ में वही बिंदासपन और फक्कड़पन जो उनके गीतों में नज़र आता है। बात शुरू करत
बोधगया के सुजाता विहार में चल रहे बोधगया बिनाले का अंतर्राष्ट्रीय कला उत्सव बोधगया बिनाले का विधिवत समापन शुक्रवार को मधुबनी के लोकगायक बिसुनदेव पासवान के लोकगायन से हुआ। बिसुनदेव पासवान ने गरीब-गुरबों के नायक राजा सलहेस के वीर गाथाओं की गीतीमय प्रस्तुति से बिनाले एरिया में उपस्थित समस्त कलाप्रेमियों का दिल जीत लिया। Read More
बोधगया बिनाले में गुरुवार का दिन एक बार फिर से प्रदर्श कलाओं के नाम रहा। गुरुवार को एक के बाद एक तीन कलाकारों ने अपनी कलात्मकता से परिसर में मौजूद कलाप्रेमियों को जबर्दस्त तरीके से आकर्षित किया क्योंकि उसका विषय सीधे-सीधे आम जनता से जुड़ा था।इस कड़ी में पहला प्रदर्शन देश के जाने-माने कलाकार कौशल सोनकरिया का था। कौशल वंचितों के समाज से हैं और वंचित समाज का जिस तरह से शोषण किया गया ह
बौद्ध धर्म के शीर्ष धर्मगुरु 17वें करमापा उज्ञेन त्रिनले दोरजी बुधवार को बोधगया बिनाले में पहुंचे और उन्होंने वहां प्रदर्शित कलाकृतियों को जमकर सराहा। करमापा ने बिनाले के आर्टिस्टिक डायरेक्टर विनय कुमार से बातचीत में कहा कि पूरी दुनिया में शांति स्थापित करने में कला का काफी महत्व हो सकता है और इस तरह की प्रदर्शनियों वैश्विक शांति की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। करमापा ने प्रदर
बोधगया बिनाले को युवा कलाकारों का बिनाले कहा जाए तो यह गलत नहीं होगा। इस बिनाले में शामिल कलाकारों में ज्यादातर युवा कलाकार हैं जो गंभीर विषयों पर बनी अपनी कलाकृतियों और कलात्मक अभिव्यक्तियों से कलाप्रेमियों का मन मोह रहे हैं। बिनाले में मंगलवार को दिल्ली में रहने वाले बिहार के युवा कलाकार मुरारी झा ने पलायन की समस्या पर अपनी कलात्मक प्रस्तुति