जाने माने कवि और बेहद आत्मीय मंगलेश डबराल को यूं खो देना आज भी मन में कचोट पैदा करता है। उनकी ढेर सारी यादें हैं। साहित्य जगत और खासकर कविता के क्षेत्र में उनके योगदान की कहानी और उपलब्धियां तो अपनी जगह हैं लेकिन उनके भीतर का संवेदनशील इंसान अपनी जगह। उनके तमाम दोस्त, संघर्षों के साथी और हर उतार चढ़ाव के गवाह हमारे कई वरिष्ठ लेखक, कवि, साहित्यकार औऱ संस्कृतिकर्मी उन
आज बेशक नृत्य का अंदाज़ बदल चुका हो और आधुनिक नृत्य के जन्मदाता माने जाने वाले उदय शंकर को लोग न जानते हों, लेकिन जो लोग भी शास्त्रीय नृत्य की बारीकियों को थोड़ा बहुत जानते समझते औ
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में एक छोटा सा कल्बा है डिबाई... शुरुआत से ही हिन्दू मुस्लिम एकता और आपसी भाईचारे का प्रतीक... देश के विभाजन के वक्त आबोहवा कुछ ऐसी बनी कि यहां का एक अज़ीम शख्स पाकिस्तान के लाहौर जाने को मजबूर हो गया... और वह भी तब जब उसके परिवार के सभी लोग यहीं रह गए...लेकिन उस शख्स में हिन्
और विनोद दुआ भी चले गए... कुछ महीने पहले चिन्ना दुआ गई थीं तो कोरोना से टूट चुके विनोद जी बेहद अकेले हो गए थे... खुद को उबारने की कोशिश बहुत की, लेकिन बाहर नहीं निकल सके...उनका जाना एक जीवंत और जुझारू शख्सियत का बहुत जल्दी चले जाने जैसा है... उनमें एक पत्रकार के साथ साथ पूरा देश बसता था, यहां की संस्कृति, मिट्
हिंदी साहित्य की प्रसिद्ध लेखिका मन्नू भंडारी का निधन हो गया. वह 90 वर्ष की थीं. ‘महाभोज’ और ‘आपका बंटी’ जैसी कालजयी रचनाओं की लेखिका मन्नू भंडारी ने सोमवार की सुबह अंतिम सांस ली. मन्नू भंडारी के पिता सुख सम्पतराय भी जाने माने लेखक थे. वर्तमान में वह गुडगांव में अपनी बेटी रचना यादव के पास रहती थीं.
यूनेस्को ने दिया श्रीनगर को रचनात्मक शहर का दर्ज़ा
लखनऊ। कला और संस्कृति के क्षेत्र में भारत और नेपाल के आदान प्रदान सांस्कृतिक कार्यक्रमों के कई आयाम हैं। लखनऊ में पिछले दिनों नेपाल के कई कलाकारों ने अपनी शिल्पकला और पेंटिंग के नमूने पेश किए। लखनऊ विश्वविद्याल
गाजियाबाद। देश के प्रतिष्ठित गीतकार डॉ. धनंजय सिंह के 77वें जन्मदिन पर अमर भारती साहित्य संस्कृति संस्थान ने अमृत महोत्सव मनाया। इस मौके पर तमाम साहित्यकारों और साहित्यप्रेमियों ने धनंजय सिंह के रचना संसार पर कहा कि कई बहुत ज्यादा लिखते हैं, लेकिन कुछ लोग कम लेकिन सार्थक और जन सरोकारो