देश विदेश के अलग अलग हिस्सों में भारतीय साहित्य, कला और संस्कृति से जुड़े तमाम कार्यक्रम होते हैं, ढेर सारी गतिविधियां होती हैं। कई ख़बरें भी होती हैं जो हम तक नहीं पहुंच पातीं। गोष्ठियां, कार्यशालाएं होती हैं, रंगकर्म की तमाम विधाओं की झलक मिलती है और लोक संस्कृति के कई रूप दिखते हैं। नए कलाकार, नई प्रतिभाएं और संस्थाएं साहित्य-संस्कृति को समृद्ध करने की कोशिशों में लगे रहते हैं लेकिन उनकी जानकारी कम ही लोगों तक पहुंच पाती है। हमारी कोशिश है कि इस खंड में हम ऐसी ही गतिविधियों और ख़बरों को शामिल करें … चित्रों और वीडियो के साथ।


गतिविधियां/ख़बरें
काक का कोना
7 Rang
May 22, 2020

जाने माने कार्टूनिस्ट काक जितने सरल हैं, उनकी काक दृष्टि उतनी ही पैनी है। उनका आम आदमी देश का वो तबका है जो ज़िंदगी की जद्दोजहद में हर रोज़ दुनिया को अपने नजरिये से देखता है… और सबसे बड़ी बात कि वह खामोश नहीं रहता.. कोई न कोई टिप्पणी जरूर करता है और वह भी देसी भाषा और गंवई अंदाज़ में…

Read More
रोटी जितना जरूरी हैं सूर, तुलसी, मीरा, कबीर: हरियश
7 Rang
October 7, 2019

रोटी, कपड़ा और मकान के बाद आदमी की सबसे बड़ी जरूरत साहित्य है। समाज के लिए बुनियादी सुविधाओं के साथ तुलसी, सूर, कालिदास, शेक्सपियर, मिल्टन, प्रेमचंद, कबीर व निराला भी जरूरी हैं। साहित्य समाज का निर्माण करने के साथ उसे दिशा देने का काम भी करता है। सुप्रसिद्ध लेखक हरि यश राय ने उक्त उद्गार प्रकट करते हुए कहा कि कविता खत्म नहीं होती जीवन के साथ चलती है।

Read More
‘दुष्यंत एक विचार है, इस आंदोलन को विस्तार दीजिए’
7 Rang
September 2, 2019

हर साल की तरह भोपाल के लिए एक सितंबर का दिन यादगार रहा । दुष्यंत कुमार संग्रहालय पांडुलिपि संस्थान ने अपने सालाना जलसे में चुनिंदा रचनाकारों का सम्मान किया और ये सूरत बदलनी चाहिए श्रृंखला के तहत जाने माने पत्रकार राजेश बादल को व्याख्यान के लिए बुलाया। उनकी राय थी कि आज मीडिया पिछले चालीस साल में पहली बार इतने गंभीर दौर से गुज़र रहा है। उस पर चौतरफ़ा दबाव है । सामाजिक,आर्थिक, व्यवस

Read More
प्रतिरोध के नाटक के पर्याय हैं राजेश कुमार
7 Rang
September 1, 2019

राजेश कुमार राजनीतिक व विचार प्रधान नाटकों के लिए जाने जाते हैं। उन्हें उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी की ओर से 2014 के लिए नाटक लेखन के लिए पुरस्कृत किये जाने की घोषणा की गयी है। वैसे राजेश कुमार इन पुरस्कारों से बहुत ऊपर हैं। हिन्दी रंगमंच और नाट्य लेखन के क्षेत्र में उनका सृजनात्मक काम विशिष्ट है। उनके आसपास भी कोई नहीं दिखता। उनके जैसा प्रतिबद्ध और प्रयोगधर्मी भी कोई नहीं।

Read More
गुलज़ार कैसे मिले अमृता प्रीतम से
7 Rang
August 31, 2019

गुलज़ार साहब की नज़्में हों या उनकी कविताई का अंदाज़, उनकी ज़िंदगी के फ़लसफ़े हों या साहित्यिक शख्सियतों से उनकी मुलाकातों के किस्से... आप सुनेंगे तो सुनते रह जाएंगे... अमृता प्रीतम की सौंवी सालगिरह मनाते हुए उन्हें चाहने वाले बेशक अमृता जी को अपने अपने तरीके से याद कर रहे हैं, लेकिन ज़रा गुलज़ार साहब और अमृता जी की मुलाकात के ये किस्से भी पढ़िए...

Read More
नेमिचंद्र जैन को याद करने के मायने
7 Rang
August 24, 2019

नटरंग प्रतिष्ठान इफ़को, रंग विदूषक, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय, इप्टा, अभिनव रंगमंडल आदि अनेक संस्थाओं के सहयोग से नेमि शती पर अनेक आयोजन दिल्ली और कई शहरों में कर रहा है। ये आयोजन अनूठे ढंग से नेमि जी के योगदान पर एकाग्र न होकर उनके कुछ बुनियादी सरोकारों जैसे विचार, कविता, उपन्यास, रंगमंच, संस्कृति की वर्तमान स्थिति पर केन्द्रित हैं। शुभारम्भ हुआ तीन दिनों के उत्सव से जो 16-18 अगस्त 2019 क

Read More
व्याख्या की ज़रूरत और नेमिचंद्र जैन
7 Rang
August 21, 2019

किसी बड़े रचनाकार की जन्मशती के मौके पर ये सवाल उठ सकता है कि उसे किस रूप में याद रखा जाए? खासकर अगर वह कई विधाओं में सक्रिय रहा हो तो। नेमिचंद्र जैन (जन्म 1919) की जन्म शती के मौके पर भी उनकी तमाम विधाओं के साथ उन्हें याद करते हुए उनके व्यक्तित्व का एक समग्र खाका खींचने की कोशिश हो रही है।

Read More
बरेली में डॉक्यूमेंट्री फिल्मों का उत्सव
7 Rang
August 16, 2019

जाने माने पत्रकार और छायाकार प्रभात सिंह की पहल पर बरेली में ‘संवाद न्यूज़’ और ‘विंडरमेयर’ की तरफ से 18 अगस्त को वृतचित्र उत्सव मनाया जा रहा है। वृत्त चित्र यानी डॉक्यूमेंट्री फिल्मों के इस उत्सव में गांधी जी की 150वीं जयंती और जश्न-ए-आज़ादी पर केन्द्रित फिल्में दिखाई जाएंगी। ये फ़िल्में देश के स्वाधीनता आंदोलन के अलग-अलग पहलुओं का दस्तावेज़ हैं। इस दौरान 4 मिनट से लेकर 38 मिनट तक की न

Read More
तबले की थाप और कथक के घुंघरुओं ने बांधा समां
7 Rang
August 1, 2019

गुवाहाटी के आरोहण ऑडिटोरियम में तबले की थाप और कथक के घुंघरुओं ने उस शाम समां बांध दिया जब प्रतिश्रुति फाउंडेशन ने अपने स्थापना दिवस के मौके पर संस्कृतिप्रेमियों को एक जगह इकट्ठा किया था। युवा तबलावादक ज़ुल्फ़िकार हुसैन ने जब तबले पर तीन ताल में अपनी उंगलियों का कमाल दिखाया तो सुनने वाले वाह-वाह कह उठे। ज़ुल्फ़िकार लखनऊ घराने के मशहूर तबलावादक उस्ताद अफ़ाक हुसैन खां के शिष्य है

Read More
‘उत्तर आधुनिकता परोसने की कोशिश में सुमेरू पर्वत न उठाएं’
7 Rang
July 15, 2019

साहित्य देश और समाज की तस्वीर हमारे सामने लाने का शाश्वत जरिया है। कलमकार के रूप में हमारी जिम्मेदारी है कि हम देश में पनप रही विद्रूपताओं और विसंगतियों को देखें, समझें और इस बात का आकलन करें कि इनके निस्तारण में एक कलमकार भूमिका कैसे निभाए। मीडिया 360 लिट्रेरी फाउंडेशन के "कथा संवाद" को संबोधित करते हुए कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ. अशोक मैत्रेय ने उक्त उद्गार प्रकट किए। डॉ. मैत्रेय ने कहा

Read More
Copyright 2024 @ Vaidehi Media- All rights reserved. Managed by iPistis