देश विदेश के अलग अलग हिस्सों में भारतीय साहित्य, कला और संस्कृति से जुड़े तमाम कार्यक्रम होते हैं, ढेर सारी गतिविधियां होती हैं। कई ख़बरें भी होती हैं जो हम तक नहीं पहुंच पातीं। गोष्ठियां, कार्यशालाएं होती हैं, रंगकर्म की तमाम विधाओं की झलक मिलती है और लोक संस्कृति के कई रूप दिखते हैं। नए कलाकार, नई प्रतिभाएं और संस्थाएं साहित्य-संस्कृति को समृद्ध करने की कोशिशों में लगे रहते हैं लेकिन उनकी जानकारी कम ही लोगों तक पहुंच पाती है। हमारी कोशिश है कि इस खंड में हम ऐसी ही गतिविधियों और ख़बरों को शामिल करें … चित्रों और वीडियो के साथ।
एक तरफ देश में चुनावी नतीजों के बाद सियासी सरगर्मियां तेज़ हैं, दूसरी तरफ इससे अलग साहित्य और संस्कृति की दुनिया में कुछ नई और रचनात्मक कोशिशें जारी हैं। सार्क देशों के सम्मेलनों की खबरें हम खूब पढ़ते हैं जहां दक्षिण एशियाई देशों के नेतागण तरह तरह के समझौतों पर दस्तखत करते या सहमति बनाते नज़र आते हैं, ऐसे ही आठ दक्षिण एशियाई देशों की कला और साहित्य को एक मंच पर लाने का काम इन दिनों द
Read Moreचित्तौड़गढ़। साहित्य संस्कृति के संस्थान संभावना द्वारा स्वतन्त्रता सेनानी रामचन्द्र नन्दवाना स्मृति सम्मान की घोषणा कर दी गई है। संभावना के अध्यक्ष डॉ के सी शर्मा ने बताया कि वर्ष 2023 के लिए स्वतन्त्रता सेनानी रामचन्द्र नन्दवाना स्मृति सम्मान बनारस निवासी प्रसिद्ध आलोचक अवधेश प्रधान को उनकी चर्चित कृति 'सीता की खोज' के लिए दिया जाएगा।
Read Moreपरंपरा और सिद्धांत के दायरे से मुक्त लेखन ही कालजई लेखन को जन्म देता है। 'कथा रंग' के 'कथा संवाद' को संबोधित करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार एवं कार्यक्रम अध्यक्ष रवि कुमार सिंह ने कहा कि हर दौर में लेखकों पर अपने परिवेश का दबाव रहता है। लेकिन खास विचारधारा से प्रभावित लेखन न तो अधिक समय तक विमर्श में रहता हैं और न ही इतिहास में जगह बना पाता है। उन्होंने कहा कि रचनाकार को सिद्धांत व परंपरा
Read Moreललित कला अकादमी को इस बार की राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी और पुरस्कारों के लिए देश भर से 2291 कलाकारों की 5714 प्रविष्ठियां मिली। जाहिर है इतनी बड़ी संख्या में आई प्रविष्ठियों में से 20 कलाकारों को पुरस्कारों के लिए चुनना कोई आसान काम नहीं था। इसके लिए अकादमी ने दो निर्णायक मंडल बनाए।
Read More'कथा रंग' की ओर से आयोजित कहानी महोत्सव और अलंकरण समारोह के दौरान बड़ी संख्या में साहित्यप्रेमियों ने इसमें हिस्सा लिया और यह आयोजन एक भव्य 'लिटरेरी फेस्टिवल' के रूप में तब्दील हो गया। दूसरे सत्र की अध्यक्षता करते हुए जाने माने लेखक अब्दुल बिस्मिल्लाह ने कहा कि जब सदी बदलती है तो कई बदलाव लाती है। वहीं अंतिम सत्र की मुख्य अतिथि मैत्रेयी पुष्पा ने कहा कि ऐसे समारोह नए रचनाकारों को स
Read Moreकथा रंग द्वारा आयोजित "कथा संवाद" में सुनाई गई कहानियों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सुप्रसिद्ध लेखक अब्दुल बिस्मिल्लाह ने कहा कि यह आयोजन भविष्य के रचनाकारों के लिए जमीन तैयार कर रहा है। एक मशीनी शहर में कथा-कहानी का पूरा खेत तैयार हो गया है। जो भविष्य के प्रति हमें आश्वस्त करता है। लाज़िम है कहानी की एक लहराती फसल हम भी देखेंगे।
Read Moreअसगर वजाहत के नाटकों में देश और समाज को देखने और इतिहास को वैज्ञानिक तथ्यों के साथ सामने लाने का जो शिल्प है, वह अद्भुत है। उनका ताज़ा नाटक 'महाबली' इसकी मिसाल है। दिल्ली के श्रीराम सेंटर में इस नाटक का पहला शो पिछले दिनों जाने माने रंगकर्मी एम के रैना के निर्देशन में हुआ। महाबली में क्या है खास और कौन हैं इस नाटक के दो महाबली जो हमारे देश में हर वक्त धड़कते रहते हैं, ये जानने की कोशिश क
Read Moreगाजियाबाद में साहित्य सृजन को लगातार एक गंभीर और सार्थक मंच देने की परंपरा शुरु करने वाली संस्था मीडिया 360 लिटरेरी फाउंडेशन का कथा संवाद निरंतर अपने मिशन में लगा है। पिछले पांच सालों से लगातार हर महीने कथा संवाद के जरिये तमाम नए रचनाकारों को मंच देने और कथाकारों की एक नई पीढ़ी को समृद्ध करने में लगी इस संस्था ने इस साल का आखिरी कथा संवाद 25 दिसंबर को गाजियाबाद में आयोजित किया। कथा सं
Read Moreरंगमंच के तमाम आयामों और थिएटर पर चलने वाली बहसों को करीब से देखने समझने और उसपर लगातार लिखने वाले नाटककार राजेश कुमार ने दिल्ली के उस नए ट्रेंड को पकड़ने की कोशिश की है जो रंगकर्मियों के लिए नया उत्साह जगाने वाला है। अब तक कई चर्चित नाटक लिख चुके राजेश कुमार ने स्टूडियो थिएटर की इस नई परिकल्पना को करीब से देखा।
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