अटल जी ने राजनीति का लंबा दौर देखा... कई मुकाम से होकर गुज़रे.... कई लम्हे कैमरे में कैद हुए.. इंटरनेट पर इनमें से बहुत सारे उपलब्ध भी हैं... उनकी चंद दुर्लभ तस्वीरें हमने भी आपके लिए निकाली हैं... देखिए... Read More
कैलाश खेर को जब भी आप सुनेंगे, एक अलग दुनिया में पहुंच जाएंगे। अपनी धुन का पक्का एक अकेला ऐसा शख्स जो आज अपने दम पर संगीत की दुनिया में वो मुकाम हासिल कर चुका है जिसकी मुरीद पूरी दुनिया है। 7 रंग के संपादक अतुल सिन्हा के साथ बेहद आत्मीय और दोस्ताना अंदाज़ में कैलाश खेर मिलते हैं। बातचीत के अंदाज़ में वही बिंदासपन और फक्कड़पन जो उनके गीतों में नज़र आता है। बात शुरू करत
बोधगया के सुजाता विहार में चल रहे बोधगया बिनाले का अंतर्राष्ट्रीय कला उत्सव बोधगया बिनाले का विधिवत समापन शुक्रवार को मधुबनी के लोकगायक बिसुनदेव पासवान के लोकगायन से हुआ। बिसुनदेव पासवान ने गरीब-गुरबों के नायक राजा सलहेस के वीर गाथाओं की गीतीमय प्रस्तुति से बिनाले एरिया में उपस्थित समस्त कलाप्रेमियों का दिल जीत लिया। Read More
बोधगया बिनाले में गुरुवार का दिन एक बार फिर से प्रदर्श कलाओं के नाम रहा। गुरुवार को एक के बाद एक तीन कलाकारों ने अपनी कलात्मकता से परिसर में मौजूद कलाप्रेमियों को जबर्दस्त तरीके से आकर्षित किया क्योंकि उसका विषय सीधे-सीधे आम जनता से जुड़ा था।इस कड़ी में पहला प्रदर्शन देश के जाने-माने कलाकार कौशल सोनकरिया का था। कौशल वंचितों के समाज से हैं और वंचित समाज का जिस तरह से शोषण किया गया ह
बौद्ध धर्म के शीर्ष धर्मगुरु 17वें करमापा उज्ञेन त्रिनले दोरजी बुधवार को बोधगया बिनाले में पहुंचे और उन्होंने वहां प्रदर्शित कलाकृतियों को जमकर सराहा। करमापा ने बिनाले के आर्टिस्टिक डायरेक्टर विनय कुमार से बातचीत में कहा कि पूरी दुनिया में शांति स्थापित करने में कला का काफी महत्व हो सकता है और इस तरह की प्रदर्शनियों वैश्विक शांति की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। करमापा ने प्रदर
बोधगया बिनाले को युवा कलाकारों का बिनाले कहा जाए तो यह गलत नहीं होगा। इस बिनाले में शामिल कलाकारों में ज्यादातर युवा कलाकार हैं जो गंभीर विषयों पर बनी अपनी कलाकृतियों और कलात्मक अभिव्यक्तियों से कलाप्रेमियों का मन मोह रहे हैं। बिनाले में मंगलवार को दिल्ली में रहने वाले बिहार के युवा कलाकार मुरारी झा ने पलायन की समस्या पर अपनी कलात्मक प्रस्तुति
समाज में जाति व्यवस्था को किस तरह से देखा जाता है और किसी अन्य पंथ को अपनाने के बावजूद उस व्यक्ति की जिंदगी पर किस तरह से उससे पूर्व की जाति एवं कर्मों का असर रहता है, क्या यह कला का विषय हो सकता है। बोधगया बिनाले में इसी को आधार बनाकर युवा कलाकार बी. अजय शर्मा ने समाज को गहरा संदेश देने की कोशिश की जिनकी प्रस्तुति का टाइटल था मैन विद सिंगिंग ब
बोधगया बिनाले में रविवार का दिन बिहार और कश्मीर के कलाकारों के नाम रहा और कई महत्वपूर्ण लोगों की आवाजाही बनी रही। जानी-मानी सिने तारिका सारिका ने भी कलाकृतियों को देखा और सराहा। सारिका ने बाइस्कोप प्रदर्शनी की औपचारिक शुरुआत करते हुए कहा कि बोधगया बिनाले एक महत्वपूर्ण कला आयोजन है और लोगों को इसे देखना चाहिए। सारिका खासतौर पर बिहार की लोककला से प्रभावित द
उत्तर भारत के सबसे महत्वपूर्ण कला आयोजन बोधगया बिनाले की औपचारिक शुरुआत शुक्रवार को बोधगया के होटल महामाया में बिहार सरकार के कला संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री माननीय शिवचंद्र राम के कर-कमलों से हुई। इस मौके पर बिहार के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी एवं बोधगया बिनाले के संरक्षक चंचल कुमार, आईसीसीआर बिहार के क्षेत्रीय निदेशक शत्रुध्न सिन्हा, मगध