दिल्ली में हर दिन आपको कला-संस्कृति के कई रंग देखने को मिलते हैं। कोरोना काल के सन्नाटे के बाद गैलरियां गुलज़ार हो गई हैं, ऑडिटोरियम्स में रंगमंच अपने शबाब पर है और साहित्य जगत में तो इतनी हलचल है कि पूछिए मत। लेकिन हम आपको ले चलेंगे कला दीर्घाओं की रंग बिरंगी और रचनात्मक दुनिया में और वहां भी नज़र डालेंगे महिला कलाकारों को लेकर एक खास पहल पर।
जाने माने फोटोग्राफर रवि बत्रा ने अपने कैमरे में उतारा है गणपति को अंतिम रूप देते हुए कलाकारों को, बाज़ार में तैयार खड़े गणपति को... तस्वीरें दिल्ली के अलग अलग इलाकों की हैं.. गणेश चतुर्थी पर अब मुंबई ही नहीं, पूरे देश में गणपति बप्पा अपने साथ ढेर सारी खुशियां लाते हैं और उनके साथ उन कलाकारों के चेहरे पर भी उम्मीद की खुशी दिखती है जि दिन रात जाग कर इस भरोसे मूर्तियां बना�
दिल्ली में आम तौर पर हर रोज़ और हर आर्ट गैलरी में आपको तमाम कला प्रदर्शनियां देखने को मिल जाएंगी। देश भर के कलाकारों के लिए अपनी प्रतिभा और कलाकृति को अभिव्यक्त करने और कला समीक्षकों की नज़र में खास पहचान बनाने के लिए दिल्ली, मुंबई, कोलकाता या ऐसे महानगरों की खास अहमियत है। लेकिन आज हम जिस कलाकार की प्रदर्शनी का जिक्र करने जा रहे हैं, उनकी कला यात्रा अपने आप में खास है और
पटना, 7 जुलाई। 11वां सावित्री त्रिपाठी स्मृति सम्मान सुप्रसिद्ध नाटककार राजेश कुमार को दिया जाएगा। सावित्री त्रिपाठी फाउन्डेशन के सचिव पीयूष त्रिपाठी ने यह घोषणा की है। उन्होंने बताया कि स्मृति सम्मान की निर्णायक समिति के सदस्यों प्रो. काशीनाथ सिंह, प्रो. बलराज पांडेय और प्रो. आशीष त्रिपाठी ने सर्वसम्मति से राजेश कुमार का चयन किया है। Read More