किशोरावस्था में जब रंगमंच से नाता जुड़ा और लखनऊ में हम थिएटर की दुनिया से जुड़े...अखबारों और पत्र पत्रिकाओं के लिए रंगमंच पर लिखना शुरु हुआ तब एक नाम हम सबके लिए आदर्श हुआ करता था - उर्मिल कुमार थपलियाल। रवीन्द्रालय में अक्सर दर्पण नाम की उनकी संस्था के तमाम शो होते और हम वहां मौजूद होते.. एक वक्त था जब दर्पण ने लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश में एक खास पहचान बनाई और रंगमंच की दुनि
भारतीय जन नाट्य संघ (इंडियन प्रोग्रेसिव थिएटर एसोसिएशन) यानी इप्टा ने बहुत ही संज़ीदगी के साथ जाने माने लेखक, पत्रकार, और फिल्मकार ख्वाज़ा अहमद अब्बास को याद किया... इसी कड़ी में अब्बास की फिल्मों और खासकर उनकी फिल्म हिना को केन्द्र में रखकर उनकी रचनात्मक दृष्टि पर चर्चा हुई... इसकी रिपोर्ट इप्टा की ओर से 7 रंग के लिए अर्पिता ने भेजी है... Read More