देश विदेश के अलग अलग हिस्सों में भारतीय साहित्य, कला और संस्कृति से जुड़े तमाम कार्यक्रम होते हैं, ढेर सारी गतिविधियां होती हैं। कई ख़बरें भी होती हैं जो हम तक नहीं पहुंच पातीं। गोष्ठियां, कार्यशालाएं होती हैं, रंगकर्म की तमाम विधाओं की झलक मिलती है और लोक संस्कृति के कई रूप दिखते हैं। नए कलाकार, नई प्रतिभाएं और संस्थाएं साहित्य-संस्कृति को समृद्ध करने की कोशिशों में लगे रहते हैं लेकिन उनकी जानकारी कम ही लोगों तक पहुंच पाती है। हमारी कोशिश है कि इस खंड में हम ऐसी ही गतिविधियों और ख़बरों को शामिल करें … चित्रों और वीडियो के साथ।
आम तौर पर आज के दौर में संस्कृत नाटकों का मंचन अपने देश में कम होता है, लेकिन इलाहाबाद के दर्शकों को उत्तर प्रश्नम नाम के संस्कृत नाटक ने रंगमंच के नए एहसास से भर दिया। समन्वय नामक सांस्कृतिक संस्था की सचिव सुषमा शर्मा के परिकल्पना और निर्देशन में उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र में हुए इस नाटक के लेखक हैं मीराकांत। इसका संस्कृत भाषा में रूपान्तरण किया सुरेन्द्रपाल सिंह न
Read Moreमशहूर लेखक, कवि, कहानीकार, उपन्यासकार और नाटककार जयशंकर प्रसाद की याद में भोपाल के भारत भवन में पांच दिनों का एक समारोह होने जा रहा है। इसमें प्रसाद के काव्य और गद्य के साथ उनके नाटकों पर भी विस्तृत चर्चा होगी। साथ ही प्रसाद के लेखन को आज के संदर्भ से जोड़कर उनकी सामयिकता को भी सामने लाया जाएगा।
Read Moreभरतनाट्यम शैली के अलावा कथक और अन्य नृत्य शैलियों को मिलाकर कुछ नए प्रयोग करने वाली नृत्यांगना लक्ष्मी श्रीवास्तव एक बार फिर अपनी मशहूर नृत्य नाटिक ‘उषा परिणय’ का मंचन करने जा रही हैं। इसका आयोजन भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद और उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी की ओर से 13 जुलाई को होने जा रहा है। डॉ योगेश प्रवीण इसके रचनाकार हैं और हेम सिंह ने संगीत दिया है।
Read Moreदेश भर के कुछ चुने हुए कलाकारों ने तीन दिनों की कार्यशाला में अपनी संस्कृति की बेहद दिलचस्प तस्वीर पेश की है। दिल्ली में के एंड के इंटरनेशनल होटल में आयोजित इस कार्यशाला को मौजूदा परिप्रेक्ष्य में गाय के आध्यात्मिक और पौराणिक महत्व के संदर्भ में बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। देश में इन दिनों जिस तरह गाय का राजनीतिकरण हुआ और इसे पौराणिक संदर्भों से काटकर ओछी राजनीति का हिस्सा ब
Read Moreकेन्द्रीय संस्कृति मंत्रालय की पहल पर देश भर की प्रतिभाओं के डाटा बैंक बनाने के मकसद से अलग अलग क्षेत्रों में भव्य कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। इसी कड़ी में झारखंड के रायकेला में राजकीय छऊ कला केन्द्र में हाल ही में सांस्कृतिक प्रतिभा खोज कार्यक्रम हुआ। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने इस मौके पर कहा कि हमारी सबसे बड़ी पूंजी गावों में फैली और रची बसी यहां की परंपराएं
Read Moreसंस्कृति मंत्रालय ने देश भर के कोने कोने में फैले कलाकारों की जानकारी इकट्ठा करने के साथ साथ लोक और आदिवासी कलाकारों का डाटाबैंक तैयार करने का काम तेज़ कर दिया है। इस काम के लिए मंत्रालय ने एक कमेटी बनाई है जो ब्लाक स्तर पर जाकर कलाकारों की जानकारी इकट्ठा करेगी। इसकी शुरूआत 17 और 18 जून को मथुरा के गोवर्धन से शुरू होगी। इसके तहत आसपास के करीब 100 गांवों के कलाकारों की सूची तैयार की जाएगी
Read Moreपिछले पच्चीस सालों से रंगमंच को आम आदमी से जोड़ने और एक आंदोलन की शक्ल देने में लगा अस्मिता थिएटर ग्रुप आगामी 20 मई से 28 जुलाई तक समर थिएटर फेस्टिवल करने जा रहा है। इस दौरान अस्मिता के तमाम चर्चित नाटकों का मंचन दिल्ली के चार सभागारों में होगा। अस्मिता के नाटक मंडी हाउस के श्रीराम सेंटर, लोदी रोड के इंडिया हैबिटेट सेंटर, और गोल मार्केट के पास मुक्तधारा और लोक कला मंच में देखे जा सकते ह
Read Moreअपने नाटकों की बदौलत रंगमंच को जनसरोकारों से जोड़ने और विलुप्त होती लोक शैलियों को जीवित करने की कोशिश में बरसों से लगी संस्था रंगलीला ने पूरे एक महीने तक बस्ती का रंगमंच नाम से जो अभियान चलाया, उससे तमाम बस्तियों में रहने वाले 100 से ज्यादा बच्चों और दूसरे लोगों को रंगमंच और नाटक के बारे में पता चला। रंगलीला ने 3 अप्रैल से 2 मई तक लगातार पूरे पूरे दिन बस्तियों में कार्यशालाएं कीं...
Read Moreकैलाश खेर को जब भी आप सुनेंगे, एक अलग दुनिया में पहुंच जाएंगे। अपनी धुन का पक्का एक अकेला ऐसा शख्स जो आज अपने दम पर संगीत की दुनिया में वो मुकाम हासिल कर चुका है जिसकी मुरीद पूरी दुनिया है। 7 रंग के संपादक अतुल सिन्हा के साथ बेहद आत्मीय और दोस्ताना अंदाज़ में कैलाश खेर मिलते हैं। बातचीत के अंदाज़ में वही बिंदासपन और फक्कड़पन जो उनके गीतों में नज़र आता है।
Read Moreबोधगया बिनाले के अंतर्राष्ट्रीय कला उत्सव के समापन के अवसर बिनाले के आर्टिस्टिक डायरेक्टर और क्यूरेटर विनय कुमार ने अगले बोधगया बिनाले की भी घोषणा की। विनय कुमार ने कहा कि बोधगया में हर दो साल पर बोधगया बिनाले का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने अगले बिनाले की तारीखों की भी घोषणा की।
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