समाज में जाति व्यवस्था को किस तरह से देखा जाता है और किसी अन्य पंथ को अपनाने के बावजूद उस व्यक्ति की जिंदगी पर किस तरह से उससे पूर्व की जाति एवं कर्मों का असर रहता है, क्या यह कला का विषय हो सकता है। बोधगया बिनाले में इसी को आधार बनाकर युवा कलाकार बी. अजय शर्मा ने समाज को गहरा संदेश देने की कोशिश की जिनकी प्रस्तुति का टाइटल था मैन विद सिंगिंग ब�
बोधगया बिनाले में रविवार का दिन बिहार और कश्मीर के कलाकारों के नाम रहा और कई महत्वपूर्ण लोगों की आवाजाही बनी रही। जानी-मानी सिने तारिका सारिका ने भी कलाकृतियों को देखा और सराहा। सारिका ने बाइस्कोप प्रदर्शनी की औपचारिक शुरुआत करते हुए कहा कि बोधगया बिनाले एक महत्वपूर्ण कला आयोजन है और लोगों को इसे देखना चाहिए। सारिका खासतौर पर बिहार की लोककला से प्रभावित द
उत्तर भारत के सबसे महत्वपूर्ण कला आयोजन बोधगया बिनाले की औपचारिक शुरुआत शुक्रवार को बोधगया के होटल महामाया में बिहार सरकार के कला संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री माननीय शिवचंद्र राम के कर-कमलों से हुई। इस मौके पर बिहार के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी एवं बोधगया बिनाले के संरक्षक चंचल कुमार, आईसीसीआर बिहार के क्षेत्रीय निदेशक शत्रुध्न सिन्हा, मगध �