नवगीत औऱ ग़ज़ल के शिल्पी श्याम निर्मम
7 Rang
December 24, 2022

लेखक  और गीतकार संतोषानंद की कलम से गीतकार श्याम निर्मम की दसवीं पुण्यतिथि पर खास पेशकश...
'श्याम नवगीत और ग़ज़ल का शिल्पी था, सिद्धहस्त सम्पादक, मधुर रचनाओं का रचयिता और संवेदनशील व्यक्ति, उसके रोम-रोम से आत्मीयता छलकती थी। जब-जब मेरी

दिनेश ‘भ्रमर’ को सुनना और महसूस करना…
7 Rang
December 16, 2022

हिन्दी और भोजपुरी साहित्य की एक अहम शख्सियत दिनेश ‘भ्रमर’ बेशक इन दिनों अस्वस्थ चल रहे हों, लेकिन 83 साल की उम्र में भी वह लगातार रचनात्मक रुप से सक्रिय हैं। गोपाल सिंह नेपाली और जानकी वल्लभ शास्त्री की काव्य धारा की एक अहम कड़ी के तौर पर उन्हें जाना जाता है। खासकर भोजपुरी साहित्य में उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। भोजपुरी में ग़ज़ल और रुबाई में प्रयोगधर

वयोवृद्ध कवि कृष्ण मित्र के जाने के मायने…
7 Rang
November 24, 2022

'अधनंगा बचपन क्यों सोता, बस्ती के फुटपाथों में ...' 

 

वे बेशक 91 साल के हो चुके हों, लंबे समय से अस्पताल में हों लेकिन उनके भीतर का कवि आखिरी वक्त तक सांस

कृष्ण मित्र की वह बात हमेशा याद आती है…
7 Rang
November 24, 2022

गाजियाबाद के साहित्यप्रेमियों और साहित्यकारों के लिए कृष्ण मित्र का जाना एक सदमे की तरह है। कवि, लेखक और पत्रकार आलोक यात्री करीब साढ़े तीन दशकों से कृष्ण मित्र के करीब रहे और उनसे बहुत कुछ सीखा। 91 साल के कृष्ण मित्र के जाने पर आलोक यात्री ने उनसे जुड़े कुछ संस्मरण लिखे हैं। पढ़ते हैं।
रंगमंच का नया ट्रेंड : छत पर नाटक
7 Rang
November 24, 2022

रंगमंच के तमाम आयामों और थिएटर पर चलने वाली बहसों को करीब से देखने समझने और उसपर  लगातार लिखने वाले नाटककार राजेश कुमार ने दिल्ली के उस नए ट्रेंड को पकड़ने की कोशिश की है जो रंगकर्मियों के लिए नया उत्साह जगाने वाला है। अब तक कई चर्चित नाटक लिख चुके राजेश कुमार ने स्टूडियो थिएटर की इस नई परिकल्पना को करीब से देखा। कैसे बड़े बड़े और महंगे ऑडिटोरियम से निकाल कर थिएटर को घर

साहित्य संसद बना कथा संवाद: सुरेश उनियाल
7 Rang
November 22, 2022

पांच साल हो गए। गाज़ियाबाद में साहित्य को इन पांच सालों में एक नई दिशा मिली। कहानियों और कविताओं के साथ साथ शायरी पर यादगार कार्यक्रमों का सिलसिला निरंतर जारी है। साहित्य जगत की जानी मानी हस्तियों ने

साहित्य उत्सव:‘पेज थ्री सेलिब्रिटी’ बनते रचनाकार?
7 Rang
November 22, 2022

जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल की भव्यता और वहां से शुरु हुआ साहित्य उत्सवों का सिलसिला अब एक व्यापक रूप ले चुका है। पहले विश्व पुस्तक मेला और उसके बाद पुस्तक मेलों की भरमार, हर शहर में पुस्तक मेले और वहां का उत्सवी स्वरूप। साथ ही साथ सोशल मीडिया का बढ़ता प्रभाव और वहां लाइक्स, कमेंट्स पाने की ख्वाहिश। बेशक इसे साहित्य के स्वर्णिम काल के तौर पर देखा जा रहा हो, लेकिन

सत्ता का सांस्कृतिक हमला: रज़ा फाउंडेशन की चिंता
7 Rang
November 21, 2022

साहित्य के कॉरपोरेट आयोजनों से अलग रज़ा फाउंडेशन की सांस्कृतिक-साहित्यिक गोष्ठियों की चिंता कुछ अलग रहती है। खासकर मौजूदा परिदृश्य में सत्ता के जनविरोधी चेहरे को बेनकाब करने की कोशिश करती हुई इन गोष्ठियों और आयोजनों में ये बात उभर कर आती है कि एक प्रतिरोध की संस्कृति को बरकरार रखने और इसके विस्तार की जरूरत लगातार है। 'कल्चरल कोलैप्स' यानी सांस्कृतिक पतन पर केन्द्र

7 सिस्टर्स: महिलाओं ने रचा रंगों का नया संसार
7 Rang
November 15, 2022

दिल्ली में हर दिन आपको कला-संस्कृति के कई रंग देखने को मिलते हैं। कोरोना काल के  सन्नाटे के बाद गैलरियां गुलज़ार हो गई हैं, ऑडिटोरियम्स में रंगमंच अपने शबाब पर है और साहित्य जगत में तो इतनी हलचल है कि पूछिए मत। लेकिन हम आपको ले चलेंगे कला दीर्घाओं की रंग बिरंगी और रचनात्मक दुनिया में और वहां भी नज़र डालेंगे महिला कलाकारों को लेकर एक खास पहल पर।

बैठना, बतियाना और कविताएं सुनना, सुनाना…
7 Rang
November 2, 2022

आपने कई कवि सम्मेलन सुने होंगे, काव्य गोष्ठियों में शिरकत की होगी, घरों में भी कई बार अनौपचारिक तौर पर कविताओं और रचनाओं के पाठ हुए होंगे, गपशप, खानपान के साथ कुछ कविताई और कुछ हंसी ठहाके भी हुए होंगे। दिल्ली में आमतौर पर ऐसे औपचारिक, प्रायोजित और कुछ संस्थागत आयोजन तो अक्सर होते ही रहते हैं। लेकिन अगर कलाकारों के बीच एक बेहतर कलात्मक माहौल में ऐसा मिलना बैठना हो, त

Copyright 2023 @ Vaidehi Media- All rights reserved. Managed by iPistis