पिछले दिनों जनवादी लेखक संघ ने प्रतिरोध की काव्य संध्या का आयोजन किया जिसमें बड़ी संख्या में कवियों ने भाग लिया। लेकिन सवाल है कि क्या हिंदी में लिखे जा रहे लेख कविताओं का कोई असर समाज पर पड़ रहा है? क्या ये कविताएं सत्ता को चुनौती दे पा रही हैं? विमल कुमार का आलेख..
कुछ सालों से यह कहा जा रहा है कि हिंदी में प्रतिरोध साहित्य नहीं लिखा जा रहा है या अगर लिख�
हिंदी के प्रख्यात आलोचक नित्यानंद तिवारी ने देश के हालात पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह दौर समाज मे नफ़रत फैलाने और दो कौमों हिन्दू मुस्लिम को आपस में लड़ाने का है ।
श्री तिवारी ने जनवादी लेखक संघ की ओर से दिल्ली के हरकिशन सिंह सुरजीत भवन में उत्तर प्रदेश और दिल्ली
कृष्णा सोबती हिंदी की पहली सम्पूर्ण राजनीतिक लेखिका थीं
रज़ा फाउंडेशन के सातवें युवा कार्यक्रम का समापन, कृष्णा सोबती के बारे में कई तथ्य आए समाने, विभाजन पर लिखने वाली सबसे अहम लेखिकाओं में रहीं सोबती, प्रगतिशील लेखक संघ ने क्यों नहीं किया अपने अधिवेशन में विभाजन का विरोध...
आपको जानकर ताज्ज़ुब होगा कि आजाद�
युवा लेखन में पहले से कहीं ज्यादा गंभीरता दिखती है – वाजपेयी
युवा लेखक ज़िम्मेदार नागरिक की भूमिका निभाएं और अपने लेखन में मौजूदा समय को दर्ज़ करें - अशोक वाजपेयी
मशहूर कवि, लेखक और संस्कृतिकर्मी अशोक वाजपेयी ने कहा है कि इस बार युवा कार्यक्रम में महिला वक्ताओं ने ज्यादा अच्छा प्रदर्शन किया है और उन्होंने पुरुषों �
[audio mp3="https://7rang.in/wp-content/uploads/2025/02/आसपास_-सबसे-अमीर-पार्टी-भव्य-दफ़्तर-और-आम-जनता_7-Rang-Radio_Richest-BJP_RSS-Grand-Office.-PftMs3shesA.mp3"][/audio]
सात रंंग रेडियो का खास कार्यक्रम - आसपास।
राजनीतिक पार्टियों का हिसाब किताब। सबसे अमीर भाजपा। एडीआर की रिपोर्ट। भव्य दफ्तर। चुनाव में अंधाधुं�
7 रंग रेडियो का खास कार्यक्रम आसपास। कृष्णा सोबती पर दिल्ली में दो दिनों के कार्यक्रम में क्या हुआ खास। रज़ा फाउंडेशन की ओर से आयोजित कार्यक्रम में क्या कहा अशोक वाजपेयी ने। सोबती ने कैसे अपनी जमा पूंजी साहित्य के लिए दान दे दी... सुनिए सिर्फ सात रंग रेडियो के इस कार्यक्रम में... सुनने के लिए क्लिक करें
[audio mp3="https://7rang.in/wp-content/uploads/2025/02/7-रंग-रेडियो_-आसपास-कृष्णा-सोबती-की-याद_Raza-Foundation-YUVA-2025-on-Krishna-Sobti-Uv-g5Dn3OgM.mp3
नई दिल्ली , 19 फरवरी। हिंदी की यशस्वी लेखिका कृष्णा सोबती क्या उभय लिंगी लेखिका थी? क्या उनकी भाषा राजनीतिक भाषा थी और उनकी लेखकीय दृष्टि और औपन्यासिक दृष्टि में कोई फांक थी? कृष्णा सोबती की जन्मशती के मौके पर रज़ा फाउंडेशन की ओर से आयोजित युवा समारोह में इन सवालों पर आरं�
17 दिनों की चहल पहल, करीब दो सौ से ज्यादा नाटकों के मंचन और तमाम पुस्तकों के लोकार्पण के साथ भारत रंग महोत्सव का 25वां संस्करण खत्म हो गया। एनएसडी का यह चर्चित आयोजन रंगकर्मियों के लिए एक नई उम्मीद और उत्साह लेकर आता है और अब इसका दायरा पहले से कहीं बड़ा हो गया है। आयोजन बेशक सरकारी तामझाम और सीमाओं में बंधा हो, लेकिन यहां कला और संस्कृति के तमाम रूप सामने आते हैं। 7 र
भारंगम: 97 वर्षीय शास्त्रीय गायिका शन्नो खुराना पर किताब
नेहरू जी ने शन्नो खुराना का ओपेरा देखने के लिए विदेशी शिष्टमंडल से मुलाक़ात रद्द कर दी
नई दिल्ली 16 फरवरी। हिंदी में पहली ओपेरा करनेवाली पद्मभूषण से सम्मानित प्रख्यात शास्त्रीय गायिका शन्नो खुराना का ओपेरा जब साठ के दशक में दिल्ली में हो रहा था तब तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू उसे देखने आए थे, वे आइफेक्स में आधे घण्टे तक उसे
रंगमचं में सारी कलाएं रूपांतरित होती हैं -प्रयाग शुक्ल
नई दिल्ली 15 फरवरी। हिंदी के प्रसिद्ध कवि एवं कला समीक्षक प्रयाग शुक्ल ने कहा है कि रंगमंच ऐसी कला है जिसमें सारी कलाएं रूपांतरित होकर मिल जाती हैं और मिलकर एक नई कला बन जाती है। शुक्ल ने भारंगम समारोह के दौरान" श्रुति" कार्यक्रम के तहत '' रंग प्रसंग "पत्रि�