देश विदेश के अलग अलग हिस्सों में भारतीय साहित्य, कला और संस्कृति से जुड़े तमाम कार्यक्रम होते हैं, ढेर सारी गतिविधियां होती हैं। कई ख़बरें भी होती हैं जो हम तक नहीं पहुंच पातीं। गोष्ठियां, कार्यशालाएं होती हैं, रंगकर्म की तमाम विधाओं की झलक मिलती है और लोक संस्कृति के कई रूप दिखते हैं। नए कलाकार, नई प्रतिभाएं और संस्थाएं साहित्य-संस्कृति को समृद्ध करने की कोशिशों में लगे रहते हैं लेकिन उनकी जानकारी कम ही लोगों तक पहुंच पाती है। हमारी कोशिश है कि इस खंड में हम ऐसी ही गतिविधियों और ख़बरों को शामिल करें … चित्रों और वीडियो के साथ।
बोधगया बिनाले में गुरुवार का दिन एक बार फिर से प्रदर्श कलाओं के नाम रहा। गुरुवार को एक के बाद एक तीन कलाकारों ने अपनी कलात्मकता से परिसर में मौजूद कलाप्रेमियों को जबर्दस्त तरीके से आकर्षित किया क्योंकि उसका विषय सीधे-सीधे आम जनता से जुड़ा था।इस कड़ी में पहला प्रदर्शन देश के जाने-माने कलाकार कौशल सोनकरिया का था।
Read Moreबौद्ध धर्म के शीर्ष धर्मगुरु 17वें करमापा उज्ञेन त्रिनले दोरजी बुधवार को बोधगया बिनाले में पहुंचे और उन्होंने वहां प्रदर्शित कलाकृतियों को जमकर सराहा। करमापा ने बिनाले के आर्टिस्टिक डायरेक्टर विनय कुमार से बातचीत में कहा कि पूरी दुनिया में शांति स्थापित करने में कला का काफी महत्व हो सकता है और इस तरह की प्रदर्शनियों वैश्विक शांति की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
Read Moreयह एक तथ्य है कि पलायन जिन कारणों व जिन स्थितियों में भी होता है, उसका एक पक्ष यह भी है कि मनुष्य जहाँ भी जाता है उसकी अन्तःचेतना में उसका मूल स्थान यादों के रूप में अन्तर्निहित रहता है। इस बारे में मुरारी कहते हैं कि सिर्फ एक व्यक्ति विस्थापित नहीं होता बल्कि वह अपने साथ सदियों से चली आ रही संस्कृति का भी विस्थापन करता है,
Read Moreसमाज में जाति व्यवस्था को किस तरह से देखा जाता है और किसी अन्य पंथ को अपनाने के बावजूद उस व्यक्ति की जिंदगी पर किस तरह से उससे पूर्व की जाति एवं कर्मों का असर रहता है, क्या यह कला का विषय हो सकता है। बोधगया बिनाले में इसी को आधार बनाकर युवा कलाकार बी. अजय शर्मा ने समाज को गहरा संदेश देने की कोशिश की जिनकी प्रस्तुति का टाइटल था मैन विद सिंगिंग बाउल।
Read Moreबोधगया बिनाले में रविवार का दिन बिहार और कश्मीर के कलाकारों के नाम रहा और कई महत्वपूर्ण लोगों की आवाजाही बनी रही। जानी-मानी सिने तारिका सारिका ने भी कलाकृतियों को देखा और सराहा। सारिका ने बाइस्कोप प्रदर्शनी की औपचारिक शुरुआत करते हुए कहा कि बोधगया बिनाले एक महत्वपूर्ण कला आयोजन है और लोगों को इसे देखना चाहिए। सारिका खासतौर पर बिहार की लोककला से प्रभावित दिखीं।
Read More17 दिसंबर से 23 दिसंबर तक सुजाता विहार में आयोजित बोधगया बिनाले एक क्यूरेटेड प्रदर्शनी है जिसमें करीब 30 देशों के 99 वरिष्ठ एवं युवा कलाकारों शिरकत कर रहे हैं। एक प्रदर्शनी में 120 से ज्यादा कलाकृतियां प्रदर्शित की जा रही हैं, जिनमें आधुनिक कला एवं परंपरागत कला, दोनों ही तरह की कलाकृतियां शामिल हैं।
Read Moreकवि और गीतकार गोपालदास नीरज के साथ 7 रंग और indianartforms.com के संपादक अतुल सिन्हा ने कुछ अंतरंग पल गुज़ारे। अलीगढ़ में उनके घर पर कई मुद्दों पर उनसे आत्मीय बातचीत भी की। उम्मीदों के इस कवि ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नोटबंदी के फैसले पर नाउम्मीदी ज़ाहिर की और चुटकी लेते हुए कहा कि भ्रष्टाचार और काला धन की समस्या ऐसे फैसलों से खत्म नहीं होने वाली।
Read Moreअपनी वेबसाइट www.indianartforms.com और वेब टीवी 7 रंग की कामयाबी के लिए देश के जाने माने वयोवृद्ध कवि और गीतकार गोपालदास नीरज ने शुभकामनाएं दी हैं। अलीगढ़ के अपने निवास पर नीरज जी ने 7 रंग का लोकार्पण करते हुए इसे करीब से देखा और भरोसा जताया कि आज साहित्य, कला और संस्कृति को लेकर मीडिया में जो उदासीनता और शून्य की स्थिति है 7 रंग और www.indianartforms.com इसे दूर करेगा।
Read Moreहाल के कुछ सालों में दुनिया भर में युवाओं के बीच टैटू का जबर्दस्त क्रेज देखने को मिला है। साथ ही टैटू आर्टिस्ट्स की डिमांड भी दुनिया भर में बहुत बढ़ी है। पहले के जमाने में जिसे गोदना कहते थे, वो अब टैटू आर्ट बन चुका है और दुनिया के कोने कोने में इसकी दीवानगी देखी जा रही है।
Read Moreसिद्धार्थ बताते हैं कि भारतीय शास्त्रीय संगीत की ज़ड़ें बेहद गहरी हैं और बदलते दौर में भी नई पीढ़ी को इससे जोड़े रखना उनका मकसद है। असम के युवा तबला वादक ज़ुल्फ़िकार हुसैन को आगे बढ़ाने और उन्हें राष्ट्रीय स्तर की ख्याति दिलाने में प्रतिश्रुति फाउंडेशन ने अहम भूमिका निभाई है।
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