देश विदेश के अलग अलग हिस्सों में भारतीय साहित्य, कला और संस्कृति से जुड़े तमाम कार्यक्रम होते हैं, ढेर सारी गतिविधियां होती हैं। कई ख़बरें भी होती हैं जो हम तक नहीं पहुंच पातीं। गोष्ठियां, कार्यशालाएं होती हैं, रंगकर्म की तमाम विधाओं की झलक मिलती है और लोक संस्कृति के कई रूप दिखते हैं। नए कलाकार, नई प्रतिभाएं और संस्थाएं साहित्य-संस्कृति को समृद्ध करने की कोशिशों में लगे रहते हैं लेकिन उनकी जानकारी कम ही लोगों तक पहुंच पाती है। हमारी कोशिश है कि इस खंड में हम ऐसी ही गतिविधियों और ख़बरों को शामिल करें … चित्रों और वीडियो के साथ।
लखनऊ की मशहूर चिकनकारी को दुनिया भर में पहचान मिली है लेकिन चिकन के काम में लगे कलाकारों के जीवन और उनके दर्द को कोई नहीं जानता। हज़ारों हुनरमंद हाथ आज किस तरह अपना जीवन काटते हैं और कैसे उनके हुनर को बड़े व्यवसायी अपने लिए इस्तेमाल करते हैं.. इस पूरी यात्रा को एक युवा फोटोग्राफर अविरल सेन सक्सेना ने अपने कैमरे में बहुत करीब से देखा है।
Read Moreभोपाल के विहान ड्रामा वर्क्स के हाउसफुल प्रोडक्शन- टोटो चान के साथ, बच्चों के अंतर्राष्ट्रीय रंगमंच उत्सव जश्नेबचपन का 14वां संस्करण आज यहां संपन्न हो गया। बच्चों के लिए सर्वश्रेष्ठ रंगमंच के इस नौ-दिवसीय नाट्य उत्सव की शुरुआत जावा के एक संगीतमय नाटक- सूखा पत्ता से हुई थी, जिसमें जीवन की विभिन्न जटिलताओं के बारे में बताया गया था।
Read Moreइन दिनों रंगलीला के 'बस्ती का रंगमंच' की 2018 के शिशिर की थिएटर वर्कशॉप स्थानीय एमडी० जैन इंटर कॉलेज में चल रही है। उक्त विद्यालय की गिनती एक ओर जहाँ शहर के नामचीन स्कूलों में होती है वहीँ चारों ओर मलिन बस्तियों से घिरे इस स्कूल में बड़ी तादाद में आसपास की निर्धन बस्तियों के बच्चे भी पढ़ते।
Read Moreलेखकों और कवियों की बढ़ती संख्या इस बात का सबूत है कि साहित्य में लोगों की रुचि बढ़ रही है लेकिन पढ़ने का संस्कार कम होने से रचनात्मकता के स्तर पर साहित्य समृद्ध नहीं हो रहा।" शंभू दयाल डिग्री कॉलेज में आयोजित "किसलय" काव्य गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ कवि डॉ. धनंजय सिंह ने उक्त उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि यह अच्छी बात है कि आज नवांकुर को स्थापित कवियों के साथ मंच साझा करने का अ
Read Moreवरिष्ठ कथाकार ममता कालिया का कहना है कि हम एक कठिन दौर से गुजर रहे हैं। सूचना का यह दौर हमारी सोच और संवेदनशीलता पर निरंतर आघात कर रहा है। इनके अविराम आदान-प्रदान से लगता है कि पूरा देश ही कुरुक्षेत्र बना हुआ है। हर एक अपने-अपने तरीके से महाभारत से जूझ रहा है। ऐसे दौर में "शब्द" ही रक्षा कवच का काम करता है।
Read Moreवरिष्ठ पत्रकार सुभाष अखिल के उपन्यास 'दरमियाना' के विमोचन के अवसर पर कथाकार एवं कार्यक्रम अध्यक्ष बलराम ने कहा कि मुकम्मल यहां कोई नहीं,'दरमियाना' ज़िंदगी के अधूरेपन की मुकम्मल दास्तान है। किन्नर समुदाय पर केंद्रित उपन्यास की बाबत उन्होंने कहा कि यह उपन्यास एक अदृश्य समाज की सार्थक पड़ताल करता है। वर्जनाओं में बंधा समाज किन्नरों को सम्मान नहीं देता।
Read Moreअमर भारती साहित्य संस्कृति संस्थान के काव्योत्सव में अतिथियों और स्थानीय कवियों ने मौजूदा दौर के साथ साथ आने वाले समय की नब्ज़ अपने-अपने तरीके से टटोली। कवि राकेश रेणु ने अपनी कविता 'भय' के माध्यम से फरमाया 'एक दिन सब संगीत थम जाएगा..।' कार्यक्रम अध्यक्ष वरिष्ठ कवि मदन कश्यप ने 'चुप्पा आदमी' के माध्यम से मानसिक जड़ता पर जमकर प्रहार किया। मुख्य अतिथि सुरेश गुप्ता ने कहा कि मौजूदा दौर
Read Moreआसमान पर राज करने वाले, अपने हैरतअंगेज़ करतबों से आसमान को मुट्ठी में कर लेने वाले और दुनिया को अपनी ताकत का एहसास कराने वाले भारतीय वायु सैनिकों का जलवा देखना अपने आप में एक अनुभव से गुज़रने जैसा है। 86वें वायुसेना दिवस के मौके पर हिंडन एयरबेस पर वायुसैनिकों ने पूरी लयबद्धता और तालमेल के साथ जो एयर शो दिखाया, जिस तरह की परेड पेश की और अनुशासन का जो शानदार नमूना दिखाया उससे पूरे देश क
Read Moreयोग-साधना में लीन योगी, गोकुल में गाय के साथ बांसुरी बजाते श्रीकृष्ण, शांत मुद्रा में ध्यान की अवस्था में राजयोगी, प्रकृति का शांत वातावरण और उगते सूरज का अनुपम नजारा। ये दृश्य पेंटिंग कॉम्पटीशन कम वर्कशॉप में देखने को मिले।ब्रह्माकुमारीज संस्थान और दिल्ली के परिधि आर्ट ग्रुप की ओर से आयोजित इस प्रतियोगिता में देशभर से कलाकारों ने हिस्सा लिया।
Read Moreसोशल मीडिया के इस दौर में तमाम नए रचनाकारों की बेहतर अभिव्यक्ति तो ज़रूर नज़र आती है लेकिन वो अपने अलावा दूसरों को कितना पढ़ रहे हैं और सचमुच उनमें पढ़ने के प्रति दिलचस्पी है या नहीं, यह देखना बहुत ज़रूरी है। वरिष्ठ लेखक और उपन्यासकार विभूति नारायण राय ने गाजियाबाद के रचनाकारों के बीच अपनी यह चिंता जाहिर की और कहा कि तकनीकी तौर पर साहित्य की दुनिया भले ही समृद्ध हुई है लेकिन नए लेख
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