दैनिक हिन्दुस्तान के प्रधान संपादक के साथ कई अखबारों में वरिष्ठ पदों पर रहे अजय उपाध्याय के ज्ञान का सब लोहा मानते थे... बेशक अजय जी ने लिखा बहुत कम हो, लेकिन पढ़ा इतना कि जब भी वो कहीं बैठते उनकी बातचीत का आयाम इतना बड़ा हो जाता कि सुनने वाले बस सुनते ही रहते... उन्हें पत्रकार से ज्यादा विश्लेषक और बेहतरीन वक्ता आप कह सकते हैं... बातचीत में इतने संदर्भ और इतनी व्यापकता कि मू