ज़िंदगी के महज 28 सालों में कोई कितना कुछ कर सकता है, कितनी उपलब्धियां हासिल कर सकता है और कौन सा मुकाम हासिल कर सकता है... यह जानना है तो महान पेंटर और भारतीय कला को एक नया आयाम देकर अमर हो जाने वाली अमृता शेर गिल को याद कीजिए। भारतीय कला की जब भी बात होती है, राजा रवि वर्मा को तो सब याद करते ही हैं लेकिन आधुनिक भारतीय कला की जनक के तौर पर अगर किसी का नाम लिया जाता है तो वह अमृता
एक ऐसी दुनिया की कल्पना, एक ऐसे खुशनुमा समाज का सपना और हर तरफ प्यार ही प्यार की तमन्ना लिए 58 साल की उम्र में किशोर दा ने बेशक सबको अलविदा कह दिया हो, लेकिन वो हमेशा सबके बीच हैं... उसी तरन्नुम में, उसी अंदाज़ में और अपने उन्हीं खूसूरत सपनों के साथ.... उनके बड़े भाई अशोक कुमार ने उन्हें इस लायक बनाया, उनकी प्रतिभा को मंच दिया, तमाम मौके दिए और किशोर को किशोर बनाया... संयोग देखिए दादा मुनि के ज
पंजाब के रंगमंच को करीब से देखिए... पंजाब के साहित्य और वहां के लोक रंगमंच की परंपरा काफी पुरानी और समृद्ध रही है। पंजाबी रंगमंच की जननी मैडम नौरा रिचर्डस और प्रो. आईसी नंदा को माना जाता है जिन्होंने 103 साल पहले छह अप्रैल, 1914 को पंजाबी नाटक 'दलहन' का मंचन सबसे पहले लाहौर के दियाल सिंह कालेज में किया था। इंकलाब के इस दौर में पंजाब के रंगमंच पर भगत सिंह के दर्शन का
11 अक्तूबर को कई जानी मानी हस्तियों के जन्मदिन के लिए याद किया जाता है। मीडिया के ज्यादातर प्लेटफॉर्म बॉलीवुड और महानायक के दायरे से बाहर नहीं निकलते और उनकी कहानियों और सफ़रनामे के दिलचस्प पहलुओं को अपने अपने अंदाज़ में दिखाते हैं। नानाजी देशमुख को सरकारी तंत्र याद कर रहा है। इसी दौरान मंच पर एक कोने में जयप्रकाश नारायण की भी तस्वीर है और मोदी जी अपने भाषण में जेपी का भी ज़िक्र कर
डीपीएस नोएडा के इन्वेस्टेचर समारोह में आठवीं क्लास की छात्रा ने कितना बेहतरीन गाया.. आप भी सुनिए.. लिंक पर क्लिक कीजिए... https://www.youtube.com/watch?v=s8HAUt-EbEg
दिल्ली पब्लिक स्कूल, नोएडा के इन्वेस्टेचर समारोह में आठवीं क्लास की छात्रा ने जो बेहतरीन भजन गया ... आप भी सुनिए... लिंक पर क्लिक कीजिए,,,, https://www.youtube.com/watch?v=hEjOr0bSUOk