जोश मलीहाबादी ने अपनी आत्मकथा ‘यादों की बरात’ में लिखा है,‘‘बेहद अफ़सोस है कि मैं यह लिखने को ज़िंदा हूं कि मजाज़ मर गया. यह कोई मुझसे पूछे कि मजाज़ क्या था और क्या हो सकता था. मरते वक़्त तक उसका महज एक चौथाई दिमाग़ ही खुलने पाया था और उसका सारा क़लाम उस एक चौथाई खुले दिमाग़ की खुलावट का करिश्मा है. अगर वह बुढ़ापे की उम्र तक आता, तो अपने दौर का सबसे बड़ा शायर हो
महाभारत की तीन सशक्त महिला किरदारों कुंती, द्रौपदी और गांधारी ने जो किया क्यों किया, उनपर सवाल उठाने वालों को जवाब देने की रचनात्मक कोशिश... देश की शीर्ष नृ्यांगनाओं ने 'स्त्री संपंदन ' के ज़रिये नारी हृदय और उनके फैसलों के पीछे की कहानी को समझने और समझाने का किया जीवंत प्रयास ... कथक गुरु शोवना नारायण, मोहिनीअट्टम की गोपिका वर्मा और ओडिसी की शैरोन लॉवेन का 'स्त्री स्प
सत्तर के दशक में एक युवा अभिनेता बंगाल की धरती से अभिनय की दुनिया में कदम रखता है, पहले क्लासिक फिल्मकार मृणाल सेन उसे पहचान देते हैं, इस पहली ही फिल्म से वह राष्ट्रपति पुरस्कार पाता है और जल्दी ही डिस्को डांसर बनकर युवाओं के दिलों की धड़कन बन जाता है... बात मिठुन चक्रवर्ती की हो रही है जिन्हें अपने जीवनकाल में बेहतरीन फिल्में करने और अभिनय की दुनिया में खास मुकाम बनाने क