"अकल बड़ी या भैंस?" यह जुमला आपने भी अक्सर सुना होगा। दुनिया के तमाम सियाने आज तक इस सवाल का जवाब नहीं तलाश पाए। आए दिन हमारे सामने कई ऐसे मसले आते हैं जो अटकल लगाने पर मजबूर कर देते हैं कि अकल बड़ी या भैंस? अब ताजा मसला ही लीजिए। भोपाल में तैनात पैरामिलिट्री फोर्स के एक जवान को छुट्टी जाना था। अवकाश की वह अर्जी लोगों में परिहास का सबब बनी हुई है। जिसमें जवान ने लिखा था "मेरी भैंस बीमार ह
Read Moreहिंदी साहित्य जगत के पुरोधा आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी जी का हिंदी साहित्य में योगदान कभी नकारा नहीं जा सकता। कबीर जैसे महान संत को दुनिया से परिचित कराने का श्रेय भी इन्हीं को जाता है। द्विवेदी जी हिंदी निबंधकार, आलोचक और उपन्यासकार थे। उत्तर प्रदेश में बलिया जिले के छपरा गांव में 19 अगस्त 1907 को जन्मे द्विवेदी जी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा संस्कृत में ग्रहण की। सन 1930 में इंटरमीडिए
Read Moreवैसे तो सब इन्हें इनके मशहूर नाम 'गुलज़ार साहब' के नाम से जानते हैं पर इनका असली नाम है 'संपूरन सिंह कालरा'। हिंदी फिल्म जगत के महान गीतकार गुलज़ार साहब किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। इन्होंने हिंदी फिल्मों में सैकड़ों गीत लिखे हैं। इसके अलावा वे एक कवि, पटकथा लेखक, फिल्म निर्देशक और मशहूर शायर हैं। इनकी रचनाएं खासतौर पर हिंदी, उर्दू और पंजाबी में हैं, लेकिन बृज भाषा, खड़ी बोली, मारवाड
Read Moreसुर मानो ठहर गए हों... संगीत खामोश हो गया हो... उनकी गायिकी अब महज़ यादों और अथाह संगीत अल्बमों में रह गई है.. अब हम उन्हें कभी लाइव नहीं सुन पाएंगे... पंडित जसराज चले गए... मेवाती घराने की आवाज़ थम गई...90 साल के पंडित जसराज ने अमेरिकी के न्यू जर्सी में सबको हमेशा के लिए अलविदा कह गए... कोराना काल में वैसे भी लगातार ऐसी दुखद और मनहूस खबरें आ रही हैं... पंडित जी भी इसी कतार में शामिल हो गए... बहुत दूर चल
Read Moreपलक प्रकाश महज़ 12-13 साल की है। पिछले कई सालों से पेंसिल, आर्ट पेपर, कलर पेंसिल और तरह तरह के रंगों से खेलती है। मुंबई में रहती है। जब एकदम छोटी सी थी तब भी रेखाएं और रंग उसके लिए अपनी अभिव्यक्ति के सबसे कारगर माध्यम थे। धीरे धीरे उसने खुद को कला के क्षेत्र में केन्द्रित किया। रोज़ कुछ न कुछ बनाने लगी। कोई ट्रेनिंग नहीं ली, कहीं से कुछ सीखा नहीं। कल्पनाओं की उसकी अपनी दुनिया है और हमेशा ह
Read Moreजब वो पढ़ते थे तो बहुत सारे दर्द भी छलकते थे और ज़िंदगी की हकीक़त भी बयां होती थी.. लेकिन अचानक कोरोना ने उन्हें अपने चपेट में लिया और महज एक दिन में ही इंदौरी साहब ज़िंदगी की जंग हार गए। इंदौर के अरबिंदो अस्पताल में उन्हें सोमवार को ही भर्ती कराया गया था, लेकिन मंगलवार को ही उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया।
Read Moreभारतीय रंगमंच के पुरोधा कहे जाने वाले इब्राहिम अल्काज़ी ने रंगमंच की दुनिया को क्या क्या दिया, उन्होंने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के निदेशक के तौर पर क्या क्या किया, एनएसडी जैसे बड़े फलक को संभालते हुए कैसे वो आधुनिक भारतीय रंगमंच के सम्राट बन गए और क्यों उन्हें रंगमंच के 'तुग़लक' जैसी उपाधियां मिलीं... ऐसे तमाम आयामों पर जाने माने रंगकर्मी-पत्रकार और आगरा में एक बेहद ज़मीन से जुड़ी सां
Read Moreइब्राहिम अल्काजी का जाना भारतीय रंगमंच के लिए एक बहुत बड़े शून्य की तरह है... उन्होंने रंगमंच के लिए जितना कुछ किया और भारतीय रंगमंच को जो ऊंचाई दी उसे कभी भूला नहीं जा सकता। जाने माने रंगकर्मी अरविंद गौड़ ने अल्काजी की रंगमंच यात्रा को कैसे देखा और उन्हें कैसे महसूस किया, इसे हर रंगप्रेमी और थिएटर से जुड़े लोगों को ज़रूर पढ़ना चाहिए... 7 रंग परिवार आदरणीय अल्काजी को अरविंद गौड़ के इस
Read More