Month: June 2020
रहिमन धागा प्रेम का, मत तोरो चटकाय…
7 Rang
June 10, 2020

अब्दुर रहीम खान-ए-खाना के मकबरे की रेलिंग पर टंगे फटे फ्लैक्स पर उनका यह दोहा हवा के हर झौंके पर फड़फड़ाता है। कोरोना के संकट से घिरे देश में जहां हर सार्वजनिक स्थल और दुकानों के बाहर मोटी-मोटी रस्सियां बंधी हैं, प्रेम का यह फड़फड़ाता धागा शायद ही किसी का ध्यान खींचता है।

Read More
ख्वाज़ा अहमद अब्बास होने का मतलब…
7 Rang
June 7, 2020

एक लेखक के कितने आयाम हो सकते हैं, समाजवाद और इंसानियत के प्रति उसकी वैचारिक प्रतिबद्धता किस हद तक हो सकती है ये समझने के लिए हमें ख्वाज़ा अहमद अब्बास की ज़िंदगी को करीब से देखना चाहिए। आज़ादी के आंदोलन के दौरान ख्वाज़ा अहमद अब्बास ने इप्टा से जुड़कर तमाम इंकलाबी और तरक्कीपसंद हस्तियों के साथ तो काम किया ही, अपने लेखन को बचपन से जिंदगी के आखिरी दिनों तक बदस्तूर जारी रखा। एक पत्रकार

Read More
जाने ये कैसा ताना-बाना है
7 Rang
June 5, 2020

करीब 6 सदी पहले के भारत और मौजूदा हिन्दुस्तान के बीच के फासले को देखें तो लगता है कि अगर कबीर आज होते तो क्या आज हमारे आसपास का संसार ऐसा ही होता ? 6 सौ साल पहले वो जो लिख गए, उनका जो चिंतन और दर्शन या यों कहिए कि पंथ अपने आप में एक बेहतरीन दुनिया की कल्पना और सोच से भरा है, क्या अब भी हम ऐसे समाज की कल्पना कर सकते हैं? दरअसल कबीर सिर्फ कबीर नहीं थे.. उन्हें युग प्रवर्तक यूं ही नहीं कहा जाता । आज

Read More
हम सबके घरों के फिल्मकार थे बासु दा…
7 Rang
June 4, 2020

आज फिल्मों का जो दौर चल रहा है, उसमें बासु चटर्जी जैसे फिल्मकार की गैर मौजूदगी भीतर कहीं एक शून्य पैदा करती है। उम्र को अगर नज़रअंदाज कर दें तो बासु दा के भीतर ज़िंदगी को देखने का अपना जो नज़रिया रहा वो 60 के दशक से आज तक वैसा ही रहा। आखिरी दिनों में भी उनके भीतर का फिल्मकार विषय तलाशता रहा लेकिन पिछले कुछ बरसों से वो चाहकर भी कुछ नया दे नहीं पाए। साहित्य में उनकी खासी दिलचस्पी थी और उनक

Read More
पंडित डी वी पलुस्कर: जिनकी आवाज़ दिल में उतर जाती है…
7 Rang
June 3, 2020

जो लोग शास्त्रीय संगीत में दिलचस्पी रखते हैं उनके लिए पंडित विष्णु दिगंबर पलुस्कर का नाम अनजाना नहीं है। बचपन में पटाखों की वजह से दृष्टिहीन हो चुके ये महान गायक अपनी 11 संतानों की अकाल मौत से टूट चुके थे, उनकी 12वीं संतान थे डीवी पलुस्कर। अपने पिता की गायन परम्परा को उन्होंने न सिर्फ आगे बढ़ाया, बल्कि शास्त्रीय संगीत को नया आयाम दिया।

Read More
कार्टूनिस्ट काक की दुनिया…
7 Rang
June 2, 2020

जाने माने कार्टूनिस्ट काक जितने सरल हैं, उनकी काक दृष्टि उतनी ही पैनी है। उनका आम आदमी देश का वो तबका है जो ज़िंदगी की जद्दोजहद में हर रोज़ दुनिया को अपने नजरिये से देखता है... और सबसे बड़ी बात कि वह खामोश नहीं रहता.. कोई न कोई टिप्पणी जरूर करता है और वह भी देसी भाषा और गंवई अंदाज़ में

Read More
लॉकडाउन के वक्त का नया रंगमंच
7 Rang
June 1, 2020

क्या इस क्वारंटीन समय में रंगमंच में कोई नवीनता आ सकती है? बहसें चल रही हैं। कई, बल्र्कि ज्यादातर, रंगकर्मी ऐसे हैं जो भरतमुनि और स्तानिस्लावस्की के सिद्धांतों से टस से मस होने के लिए तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि थिएटर सिर्फ वास्तविक स्पेस यानी रंगमंच में संभव है और ऑनलाइन थिएटर नाम की कोई चीज संभव नहीं हैं। लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जो इन दौर में नया प्रयोग कर रहे हैं और वीडियो की तकनी

Read More
नंदलाल नूरपुरी: जिनके रचे गीत लोकगीत हो गए
7 Rang
June 1, 2020

पंजाब के जाने माने तरक्कीपसंद कवि और गीतकार नंदलाल नूरपुरी के बारे में कम ही लोग जानते हैं। लेकिन उनके गीतों में मानो पंजाब का दिल धड़कता है, वहां की सोंधी खुशबू की सुगंध बसती है... एक जून 1906 को नूरपुरी साहब की जन्मतिथि है... उनके बारे में, उनके गीतों के बारे में वरिष्ठ पत्रकार सुधीर राघव का आलेख ' 7 रंग 'के पाठकों के लिए....

Read More
अब तो भइया, जो बिकता है, वही दिखता है…
7 Rang
June 1, 2020

एक दौर था जब "जो दिखता है, वो बिकता है" जुमला भारतीय राजनीति और मीडिया के ताल्लुकों का पैमाना हुआ करता था। बीते दो दशकों में मीडिया, खासकर खबरिया चैनल्स की कार्यशैली में आमूलचूल परिवर्तन आया है। अधिकांश मीडिया घरानों और खबरिया चैनल्स ने पेशेवर रुख अख्तियार कर लिया है। शायद उसी का नतीजा है कि उपरोक्त जुमला बदल कर यूं हो गया है -"जो बिकता है, वही दिखता है।"

Read More
Copyright 2023 @ Vaidehi Media- All rights reserved. Managed by iPistis