एक कलाकार सिर्फ सम्मानों या रिश्तों से बड़ा नहीं होता। सतीश गुजराल के चित्रों और तमाम कलाकर्म में जो संवेदना दिखती है, वह उन्हें उस पहचान से कहीं दूर खड़ा करती है कि वो पूर्व प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल के छोटे भाई थे या उन्हें पद्म विभूषण या कला का राष्ट्रीय पुरस्कार तीन तीन बार मिल चुका था। दरअसल जिस कलाकार ने विभाजन का दर्द देखा हो, महसूस किया हो और जिसकी दृष्टि समाज के तमाम
Read Moreजाने माने कार्टूनिस्ट और एकदम ठेठ देसी अंदाज़ में अपने चरित्रों के ज़रिये लोगों के दिलों में बस जाने वाले काक साहब 16 मार्च को 80 साल के हो गए... काक साहब से जुड़ी तमाम यादों को ताज़ा करते हुए हमारे साथी और तीन दशकों से नुक्कड़ नाटकों के लिए समर्पित अस्मिता थिएटर ग्रुप के संस्थापक अरविंद गौड़ ने बेहतरीन तरीके से उन्हें जन्मदिन पर याद किया... आप भी पढ़िए और काक साहब की शख्सियत को और करीब से
Read Moreहमारे साथी और वरिष्ठ पत्रकार पिछले दिनों उदयपुर और कुंभलगढ़ घूमकर आए... उनकी नज़र में उदयपुर के सिटी पैलेस और कुंभलगढ़ के ऐतिहासिक किले के फर्क को आप भी समझिए... क्यों हमारा पुरातत्व विभाग अपनी धरोहरों की ठीक तरह से देखभाल नहीं कर पाता और क्यों आज भी शाही खानदान की बदौलत उदयपुर का सिटी पैलेस जगमगाता रहता है...
Read Moreवरिष्ठ पत्रकार और बीबीसी से लंबे वक्त तक जुड़े रहे क़ुरबान अली ने अपने शुरुआती दिनों में डॉ राही मासूम रज़ा के साथ कई मुलाकातें कीं, बहुत सा वक्त गुज़ारा... तब से लेकर आजतक देश के हालात को करीब से देखने वाले कुरबान अली ने डॉ रज़ा के गुज़रने के बाद ये आलेख संडे ऑब्जर्वर में लिखा था... उन्होंने डॉ राही मासूम रज़ा को कैसे देखा.. आप भी पढ़िए..
Read Moreडॉ राही मासूम रज़ा को लेकर संवाद ने कुंवरपाल सिंह का एक आलेख छापा है। दरअसल यह ‘राही मासूम रज़ा से दोस्ती : हिन्दुस्तानियत का पैग़ाम ’ नाम की किताब में लिखी कुंवरपाल सिंह की भूमिका है जिसमें डॉ रज़ा के बारे में बहुत सी बेहतरीन जानकारियां हैं। '7 रंग ' के पाठकों के लिए भी हम संवाद से यह लेख साभार ले रहे हैं।
Read More