चलिए उदयपुर का सिटी पैलेस और कुंभलगढ़ फोर्ट
उदयपुर का सिटी पैलेस- झील और किले का सौंदर्य

हमारे साथी और वरिष्ठ पत्रकार शरद गुप्ता पिछले दिनों राजस्थान गए थे… खासकर उदयपुर और कुंभलगढ़ घूमकर आए… उनकी नज़र में उदयपुर के सिटी पैलेस और कुंभलगढ़ के ऐतिहासिक किले के फर्क को आप भी समझिए… क्यों हमारा पुरातत्व विभाग अपनी धरोहरों की ठीक तरह से देखभाल नहीं कर पाता और क्यों आज भी शाही खानदान की बदौलत उदयपुर का सिटी पैलेस जगमगाता रहता है… इतना कि दूर दूर से आने वाले पर्यटकों को लगता है कि यहां नहीं आए तो फिर उदयपुर का मज़ा नहीं लिया…. इन दोनों किलों के बारे में शरद गुप्ता की संक्षिप्त टिप्पणी

दो किले। दोनों मेवाड़ के राजाओं ने बनवाए। पहला उदयपुर का सिटी पैलेस और दूसरा 80 किलोमीटर दूर स्थित कुंभलगढ़ का किला। सिटी पैलेस अपनी भव्यता के लिए जाना जाता है। उसकी देखभाल स्वयं राजघराना करता है। उसके अंदर उनकी निजी चीजों का संग्रह है। सिटी पैलेस शाम को ऐसा जगमगाता है कि कई किलोमीटर दूर से दिखाई देता है।
उसके अंदर वर्तमान राजा खुद भी रहते हैं और एक हिस्से में होटल बनाया है जबकि तीसरा हिस्सा संग्रहालय बनाकर जनता के लिए खोला गया है।

उदयपुर का सिटी पैलेस

वही महाराजा कुंभा द्वारा बनवाया कुंभलगढ़ का किला अपनी दृढ़ता और रणनीतिक लोकेशन की वजह से प्रसिद्ध है। लगभग 15 फीट चौड़ी और 36 किलोमीटर लंबी इसकी बाहरी दीवार दुनिया में चीन की दीवार के बाद सबसे बड़ी दीवार है। इतना सुदृढ़ कि कभी कोई आक्रमणकारी ना तो इसे भेद पाया और ना ही जीत पाया। इसी किले में महाराणा प्रताप का जन्म हुआ था।

कुंभलगढ़ का किला

आज इसकी देखभाल आर्कलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया करता है। इसलिए इसकी यह दुर्दशा है। हालांकि इसके चारों ओर फैला जंगल चीतों और भेड़ियों के लिए जाना जाता है। यह दुनिया का अकेला भेड़ियों के लिए संरक्षित वन है। चारों ओर हजारों रिसॉर्ट बने हैं। यह इतना बड़ा है कि इसके अंदर 360 मंदिर हैं।
लेकिन किले के अंदर सिर्फ दीवारें हैं। वह भी अधिकतर ढहती हुई। क्योंकि सरकार को हस्तांतरित करने से पहले उदयपुर के राजघराने ने यहां की सारी धरोहर सिटी पैलेस में ट्रांसफर जो कर दी। इसीलिए सिटी पैलेस घूमने का टिकट ₹300 प्रति व्यक्ति है तो कुंभलगढ़ का महज ₹30।

Posted Date:

March 16, 2020

5:55 pm
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