‘न थका न रुका न हटा न झुका’
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August 19, 2020

हिंदी साहित्य जगत के पुरोधा आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी जी का हिंदी साहित्य में योगदान कभी नकारा नहीं जा सकता। कबीर जैसे महान संत को दुनिया से परिचित कराने का श्रेय भी इन्हीं को जाता है। द्विवेदी जी हिंदी निबंधकार, आलोचक और उपन्यासकार थे। उत्तर प्रदेश में बलिया जिले के छपरा गांव में 19 अगस्त 1907 को जन्मे द्विवेदी जी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा संस्कृत में ग्रहण की। सन 1930 में इंटरमीडिए

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