सिनेमा की दुनिया को बेहद करीब से समझने वाले और राजकपूर जैसे शोमैन की कलायात्रा को गहराई से महसूस करने वाले जाने माने पत्रकार और लेखक प्रताप सिंह ने उनकी जन्मशती के मौके पर बेहद संजीदगा के साथ 7 रंग के लिए ये विशेष पेशकश भेजी है... राज साहब की फिल्म यात्रा को समझने के साथ ही उनकी शख्सियत के कई दूसरे देखे अनदेखे पहलुओं पर प्रताप सिंह ने पैनी नज़र डालने की कोशिश की है।
Read Moreबांग्ला फिल्मकारों में एक खास बात होती है कि वो कम फिल्में बनाते हैं लेकिन ये फिल्में यादगार होती हैं... चाहे सत्यजीत रे हों, बासु भट्टाचार्य, बासु चटर्जी, ऋषिकेश मुखर्जी, बिमल राय हों या उत्पलेन्दु चक्रवर्ती ... 1983 में जब उत्पलेन्दु चक्रवर्ती की 'चोख' आई तो सबका ध्यान उनकी तरफ गया। चोख को सर्वश्रेष्ठ फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला और उत्पलेन्दु को सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का।
Read Moreदैनिक हिन्दुस्तान के प्रधान संपादक के साथ कई अखबारों में वरिष्ठ पदों पर रहे अजय उपाध्याय के ज्ञान का सब लोहा मानते थे... बेशक अजय जी ने लिखा बहुत कम हो, लेकिन पढ़ा इतना कि जब भी वो कहीं बैठते उनकी बातचीत का आयाम इतना बड़ा हो जाता कि सुनने वाले बस सुनते ही रहते... उन्हें पत्रकार से ज्यादा विश्लेषक और बेहतरीन वक्ता आप कह सकते हैं... बातचीत में इतने संदर्भ और इतनी व्यापकता कि मूल विषय के खो ज
Read Moreवरिष्ठ कथाकार, उपन्यासकार, संपादक और अपनी लंबी साहित्यिक यात्रा के अनुभवों से भरे से रा यात्री का जाना साहित्य जगत के लिए एक सदमे की तरह है। यात्री के जाने से देश की हिन्दी पट्टी का साहित्य संसार जहां वीरान हो गया वहीं यात्री जी की साहित्यिक यात्रा पर पूर्ण विराम लग गया।
Read Moreआज बेशक अतुल जी को गए ग्यारह साल गुज़र गए हों लेकिन संस्थान को जिस ऊंचाई तक वो लेकर आए और पत्रकारिता के मानदंड स्थापित किए उसे समूह के मौजूदा चेयरमैन राजुल माहेश्वरी और माहेश्वरी परिवार की नई पीढ़ी ने बेहद संज़ीदगी से आगे बढ़ाया है।
Read More16 जनवरी 2022 की रात करीब बारह- सवा बारह बजे का वक्त। दिल्ली के अपने घर में पंडित जी अपनी दो पोतियों रागिनी और यशस्विनी के अलावा दो शिष्यों के साथ पुराने फिल्मी गीतों की अंताक्षरी खेल रहे थे। हंसते मुस्कराते, बात बात पर चुटकी लेते पंडित जी को अचानक सांस की तकलीफ हुई और कुछ ही देर में वो सबको अलविदा कह गए। आगामी 4 फरवरी को वो 84 साल के होने वाले थे।
Read Moreउनकी शख्सियत में एक खास किस्म की रूमायित और सादगी थी। उनके भीतर इस उम्र में भी एक छोटा बच्चा था। उनके कथक की बारीकियां और उनकी भाव भंगिमाएं तो सबने देखीं और दुनिया ने उन्हें कथक सम्राट का दर्ज़ा भी दिया, लेकिन अस्सी पार करने के बाद भी उनके भीतर का वो बच्चा कृष्ण के नन्हें अवतार की तरह उनके नृत्य में, उनके चेहरे पर, उनकी आंखों में मचलता रहता था। वो कहते और डूब जाते, ‘कान्हा की लीलाएं और च
Read Moreजाने माने वयोवृद्ध कवि कृष्ण मित्र 88 साल के हो चुके हैं... उनकी यादों में तमाम साहित्यकार और कवियों के ढेर सारे अनुभव हैं। कृष्ण मित्र जी ने प्रख्यात गीतकार श्याम निर्मम को बहुत करीब से देखा और महसूस किया.. उनकी रचनाओं से लेकर उनके व्यक्तित्व के बारे में उनकी अपनी राय है। आदरणीय श्याम निर्मम जी की पुण्यतिथि पर उन्हें याद करते हुए 7 रंग के पाठकों के लिए कृष्ण मित्र जी का ये आलेख बहुत माय
Read Moreसितार सम्राट पंडित रविशंकर से मिलना एक अनुभव था... युवावस्था में खराब आदतों के शिकार और विदेश में रहकर बिगड़ चुके पंडित जी ने कैसे सुधरी अपनी आदतें, कैसे बने एक संवेदनशील और मानवीय इंसान.. उनके गुरु ने कैसे बनाया उन्हें इतना बेहतरीन सितारवादक... संगीत ने कैसे बदली पंडित जी की ज़िंदगी....अतुल सिन्हा के साथ पंडित रविंशकर का एक ऐसा इंटरव्यू जिसमें पंडित जी ने बताई अपने दिल की बहुत सी बाते
Read More