प्रेमचंद का गाँव यानि वाराणसी ज़िले (उप्र०) का लमही गाँव! 8 अक्टूबर की सांझ हम प्रेमचंद के गाँव में थे। हम यानि रंगलीला 'कथावाचन’ की रंगमंडली। यह मुंशी प्रेमचंद की 81वीं पुण्यतिथि का दिन था। मई माह में जिस दिन 'कथावाचन' के तहत मैंने प्रेमचंद की कहानियों की प्रस्तुतियों का निर्णय लिया था तब कल्पना भी नहीं की थी कि किसी दिन इन प्रस्तुतियों को लेकर 'कथा सम्राट' की उस धरती तक भी जाना होगा जहा
Read Moreसेम्युअल जॉन की इस रंगयात्रा में चादर एक आसमान की तरह उनके साथ रहा है। बिछ गई तो बैठने की जगह बन गई, तन गई तो मंच बन गई, फैल गई तो आने वाले कल के लिए उम्मीद बन गई। लेकिन पटियाला से रंगमंच में ग्रेजुएट जॉन के लिए जब मुंबई से बार-बाक संदेशा आता हो..तो फिर वह संगरूर इलाके के ठेठ गांवों में क्या कर रहे हैं? शायद पिछले 15 सालों में सेम्युअल ने कई बार ऐसे सवालों के जवाब दिए हैं।
Read More11 अक्तूबर को कई जानी मानी हस्तियों के जन्मदिन के लिए याद किया जाता है। मीडिया के ज्यादातर प्लेटफॉर्म बॉलीवुड और महानायक के दायरे से बाहर नहीं निकलते और उनकी कहानियों और सफ़रनामे के दिलचस्प पहलुओं को अपने अपने अंदाज़ में दिखाते हैं। नानाजी देशमुख को सरकारी तंत्र याद कर रहा है। इसी दौरान मंच पर एक कोने में जयप्रकाश नारायण की भी तस्वीर है और मोदी जी अपने भाषण में जेपी का भी ज़िक्र कर
Read Moreक्या अमिताभ शुरू से ही ऐसे थे? एक ‘एंग्री यंग मैन’ आखिर इतना संजीदा कैसे हो सकता है? इतने संघर्षों से तपकर, सियासत में किस्मत आज़मा कर, कई बार विवादों में घिर कर, देश की दुआओं की बदौलत लंबे समय तक अस्पताल में इलाज के बाद सकुशल वापस आकर, फिल्मों में कई कई पारियां खेलकर, अपनी कंपनी के उतार चढ़ाव झेलकर, कभी कांग्रेस, कभी समाजवादियों तो कभी मोदी मिशन के साथ जुड़कर लगातार सक्रिय रहने वाले अमि
Read Moreकिसी ज़माने की अल्हड़, शोख़ और ग्लैमर की अपनी परिभाषा लिखने वाली रेखा महज 63 साल की उम्र में इतनी तन्हा क्यों हैं? क्यों उनकी ख़ूबसूरती और आंखों की मस्ती के दीवाने भी हर बार उनसे जुड़े विवादों के बारे में ज्यादा जानने को बेताब रहते हैं? क्यों उनके जन्मदिन को कुछ टीवी चैनलों ने उन पर फिल्माए गए कुछ गीतों पर आधारित कार्यक्रमों तक सीमित कर दिया है? कई सवाल हैं लेकिन रेखा की ज़िंदगी और उनक
Read Moreडीपीएस नोएडा के इन्वेस्टेचर समारोह में आठवीं क्लास की छात्रा ने कितना बेहतरीन गाया.
Read Moreजब भी ग़ज़ल, ठुमरी और दादरा की चर्चा होती है, बेग़म अख़्तर का नाम सबसे पहले ज़हन में आता है। 103 साल पहले 7 अक्तूबर को उत्तर प्रदेश के फ़ैज़ाबाद में अख़्तरी बाई ने एक कुलीन परिवार में जन्म लिया। बेग़म अख्तर की जिंदगी के अगर पन्ने पलटिए तो उसमें कई शेड्स मिलेंगे। कुछ उदासीन, तकलीफ़ों और अभावों से भरी।
Read Moreआगरा की नाट्य संस्था 'रंगलीला' इस बार प्रेमचंद की पुण्यतिथि (8 अक्टूबर, ) के अवसर पर उनकी जन्मस्थली लमही (ज़िला वाराणसी) में अपने चर्चित कार्यक्रम 'कथावाचन में उनकी 3 कहानियों ('ईदगाह', 'पूस की रात', और 'ठाकुर का कुआं') की प्रस्तुति अपराह्न 4 बजे देगी। बनारस की संस्था 'सुबह-ए- बनारस' ने इसका आयोजन किया है।
Read Moreकिसी प्राकृतिक आपदा और ऐसी किसी त्रासदी को एक कलाकार किस तरह देखता है और उसे अपनी कला के ज़रिये कैसे आम लोगों के सामने अभिव्यक्त करता है, इसे समझना है तो देहरादून में बनाए गए उत्तरा समकालीन आधुनिक कला संग्रहालय आइए। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस अनोखे कला संग्रहालय और गैलरी को 4 अक्तूबर को कला प्रेमियों और आम जनता को समर्पित किया। इस गैलरी और संग्रहालय की परिकल्पना जाने
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