रंगमंच में स्त्री के लिए जगह…
7 Rang
April 10, 2023

रंगमंच के क्षेत्र में आखिर महिलाओं की संख्या या जगह इतनी कम क्यों है? क्या इसके पीछे कोई वर्णवादी सोच है या पुरुषवादी वर्चस्व का आदिकालीन नज़रिया? क्या आज के दौर में भी रंगमंच नाट्यशास्त्र के उन्हीं मान्यताओं पर चल रहा है जिसे भरतमुनि ने रचा था? क्या ब्राह्मणवादी साहित्य की अवधारणाओं में महिलाओं का स्थान शूद्रों की तरह रहा है और रंगमंच में भी कहीं न कहीं ये अवधारणा लागू होती है? जा

विभाजन का रिसता दर्द – पार्टीशन
7 Rang
July 4, 2022

अस्मिता थिएटर ग्रुप ने 3 जुलाई को उस स्मृति को दर्शकों के बीच रंगकर्म के माध्यम से याद दिलाने का सफल प्रयास किया । नाटक का नाम था ' पार्टीशन' । इसका मंचन हुआ था मंडी हाउस के त्रिवेणी सभागार में । विभाजन पर लिखी मंटो की कहानी को देखने के लिए जितने लोग अंदर बैठे थे, उतने ही बाहर खड़े थे । देखने के लिए दर्शकों का सैलाब टूटा पड़ा था ।

प्रतिरोध के नाटक के पर्याय हैं राजेश कुमार
7 Rang
September 1, 2019

राजेश कुमार राजनीतिक व विचार प्रधान नाटकों के लिए जाने जाते हैं। उन्हें उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी की ओर से 2014 के लिए नाटक लेखन के लिए पुरस्कृत किये जाने की घोषणा की गयी है। वैसे राजेश कुमार इन पुरस्कारों से बहुत ऊपर हैं। हिन्दी रंगमंच और नाट्य लेखन के क्षेत्र में उनका सृजनात्मक काम विशिष्ट है। उनके आसपास भी कोई नहीं दिखता। उनके जैसा प्रतिबद्ध और प्रयोगधर्मी भी कोई नहीं।

Copyright 2024 @ Vaidehi Media- All rights reserved. Managed by iPistis