नए साल की शुरुआत के साथ ही कलाकारों में एक नया जोश देखने को मिला है और वो करीब नौ महीनों के बाद खुलकर अपनी कला का प्रदर्शन करने एक जगह जमा हो रहे हैं। ये पहल की है दिल्ली की नेशनल गैलरी ऑफ मॉर्डर्न आर्ट्स (एनजीएमए) ने। 2020 की तमाम बंदिशों के बाद एनजीएमए ने नए साल के पहले शनिवार और रविवार से हर हफ्ते कलाकारों के लिए ये बेहतरीन और उत्साह बढ़ाने वाला सिलसिला शुरु किया है। पहले दिन इसके मुख्य
क्या आपने बावनबूटी साड़ियों के बारे में सुना है? क्या आपको उपेन्द्र महारथी के बारे में पता है? क्या आपको पता है कि किस कलाकार ने गांधी जी के साथ साथ गौतम बुद्ध के शांति और अहिंसा के संदेश को अपने तमाम कला रूपों में कैसे कैसे उतारा या कलिंग की संस्कृति के साथ बंगाल के पुनर्जागरण आंदोलन के नायकों की कथाओं को रंगों और शिल्प की बेहतरीन दुनिया में कैसे आकार दिया? दरअसल हम बात कर रहे हैं उपे
एनजीएमए को नौकरशाही की गिरफ्त से मुक्त करने के लिए सरकार ने पहली बार एक कलाकार को यहां का महानिदेशक बनाया है। उड़ीसा के इस चर्चित कलाकार और मूर्तिकार अद्वैत गणनायक के मूर्तिशिल्प की झलक आपको कई जगह देखने को मिल जाएगी। राजघाट पर गांधी के डांडी मार्च पर उनका शिल्प सबको खींचता है, ललित कला अकादमी में ‘माई टेम्पल’ और नेताजी सुभाष इंस्टीट्यूट में ‘फाइव एलिमेंट्स’ जैसी उनकी कृतियां ल