‘बदलते वक्त के साथ कहानियों का संसार बदला है, उन्हें पढ़ने के तौर तरीके भी बदले हैं। अब वो दौर नहीं है कि कहानियां या उपन्यास सोने से पहले नींद की गोली की तरह इस्तेमाल किए जाते थे... दो चार पेज पढ़ा, नींद आ गई फिर किताब किनारे रख दी। अब इंटरनेट पर तमाम प्लेटफॉर्म्स हैं, सोशल मीडिया है, जहां आप जब चाहें, पढ़ सकते हैं। इसलिए लिखते वक्त हमेशा इस बात का ध्यान रखना ज़रूरी है कि हम लिख किसके लिए
सिल्वर लाइन प्रेस्टीज स्कूल में मेगा एग्जिबिशन "सिद्धि" का शुभारंभ करते हुए टेक्नोलॉजीकल यूनिवर्सिटी दिल्ली के प्रोफेसर ऑफ सिविल एंड एनवायरमेंटल इंजीनियर डॉ. विजय कुमार ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य बच्चों को महज किताबी ज्ञान देना नहीं है। शिक्षा सीखने का वह जरिया है जो बच्चों में जिज्ञासा उत्पन्न करता है। यही जिज्ञासा एक दिन उन्हें अन्वेषण की दुनिया में ले जाती है। जिज्ञासा ह