रंगकर्म की उस झुंझलाहट की याद…
7 Rang
April 7, 2020

वाराणसी के जाने माने रंगकर्मी गोपाल गुर्जर की बेशक कोई राष्ट्रीय पहचान न बन पाई हो लेकिन उनकी प्रतिभा को रंग जगत और सिने जगत ने कुछ हद तक पहचाना जरूर। उनका गुज़रना कम से कम वाराणसी रंगमंच की दुनिया के लिए एक बड़ी क्षति है। संवेदनशील पत्रकार और ‘नाद रंग’ पत्रिका के संपादक आलोक पराड़कर ने गोपाल गुर्जर को ‘राष्ट्रीय सहारा’ में लिखे अपने लेख के ज़रिये कुछ इस तरह याद किया.. 7 रंग के पाठको

ये पैरों की थिरकन और कथक की ये अदा…
7 Rang
February 4, 2019

कला और संस्कृति के क्षेत्र में मज़बूत दखल रखने वाले पत्रकार आलोक पराड़कर ने पंडित बिरजू महाराज को उनके 80 साल पूरे करने पर किस बारीकी से देखा और महसूस किया, यह उन्होंने अपने फेसबुक वॉल पर पोस्ट किया। 7 रंग के पाठकों के लिए आलोक पराड़कर को वही आलेख साभार पेश है...

इतने रंग एक साथ – ‘नाद रंग’ पढ़िए
7 Rang
October 4, 2017

आज के दौर में अगर लघु पत्रिका और खासकर इस विषय पर केन्द्रित एक पत्रिका को निकालने की हिम्मत जुटाना आसान काम नहीं। लेकिन युवा पत्रकार आलोक पराड़कर की तारीफ करनी होगी कि उन्होंने अपने इस जज़्बे को बरकरार रखते हुए ‘नाद रंग’ निकालने का साहस किया। व्यावसायिकता और बाज़ारीकरण के इस दौर में पत्रिका निकाल पाना और उसे चला पाना कठिन चुनौती है और खासकर तब भी जब ‘डिजिटल युग’ और ‘मोबाइलीकरण’ न

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