इक्कीसवीं सदी शुरु हो चुकी थी और बीसवीं सदी ने जाते जाते बॉलीवुड संगीत की दुनिया को एक नई शक्ल दे दी थी। इस नए दौर और संगीत के नए माहौल में भला नौशाद के संगीत को उतनी तवज्जो कैसे मिल सकती थी जितनी इस दौर के धूम धड़ाम वाले संगीतकारों को मिलती है। 5 मई 2006 को जब संगीतकार नौशाद ने दुनिया को अलविदा कहा, तब भी उनके भीतर यही दर्द छलकता रहा - 'मुझे आज भी ऐसा लगता है कि अभी तक न मेरी संगीत की तालीम पूर