लखनऊ को नफ़ासत और तहज़ीब की नगरी कहा जाता है. अगर आप कई शहरों में जीवन गुजार चुके हों. उसमें एक शहर लखनऊ भी हो तो आपसे बेहतर उस शहर को कौन समझ सकता है. पुराने शहर की पुरानी हवेलियों से लेकर पहनावा और बोली से लेकर खानपान तक में खास नफासत और अंदाज. वैसे लखनऊ अब भी काफी हद तक अपनी पुरानी बातों को बचाकर रखा भी है. कम से कम खानपान के मामले में.
कायस्थ हमेशा से खाने-पीने के शौकीन रहे हैं. लेकिन ये सब भी उन्होंने एक स्टाइल के साथ किया. आज भी अगर पुराने कायस्थ परिवारों से बात करिए या उन परिवारों से ताल्लुक रखने वालों से बात करिए तो वो बताएंगे कि किस तरह कायस्थों की कोठियों में बेहतरीन खानपान, गीत-संगीत और शास्त्रीय सुरों की महफिलें सजा करती थीं.