एक वक्त था जब ‘दिनमान’ को रघुवीर सहाय के साथ साथ त्रिलोक दीप के नाम से भी पहचाना जाता था। सत्तर का दशक था और दिनमान तब की सबसे बेहतरीन, गंभीर और सामयिक समाचार साप्ताहिक पत्रिका हुआ करती थी। टाइम्स ग्रुप की हिन्दी पत्रिकाओं में तब धर्मयुग, दिनमान, सारिका. माधुरी, पराग जैसी पत्रिकाएं थीं और दूसरी तरफ हिन्दुस्तान टाइम्स ग्रुप हिन्दी में साप्ताहिक हिन्दुस्तान, कादम्बिनी, नंदन जैसी पत