जाने ये कैसा ताना-बाना है
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June 5, 2020

करीब 6 सदी पहले के भारत और मौजूदा हिन्दुस्तान के बीच के फासले को देखें तो लगता है कि अगर कबीर आज होते तो क्या आज हमारे आसपास का संसार ऐसा ही होता ? 6 सौ साल पहले वो जो लिख गए, उनका जो चिंतन और दर्शन या यों कहिए कि पंथ अपने आप में एक बेहतरीन दुनिया की कल्पना और सोच से भरा है, क्या अब भी हम ऐसे समाज की कल्पना कर सकते हैं? दरअसल कबीर सिर्फ कबीर नहीं थे.. उन्हें युग प्रवर्तक यूं ही नहीं कहा जाता । आज

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