देश विदेश के अलग अलग हिस्सों में भारतीय साहित्य, कला और संस्कृति से जुड़े तमाम कार्यक्रम होते हैं, ढेर सारी गतिविधियां होती हैं। कई ख़बरें भी होती हैं जो हम तक नहीं पहुंच पातीं। गोष्ठियां, कार्यशालाएं होती हैं, रंगकर्म की तमाम विधाओं की झलक मिलती है और लोक संस्कृति के कई रूप दिखते हैं। नए कलाकार, नई प्रतिभाएं और संस्थाएं साहित्य-संस्कृति को समृद्ध करने की कोशिशों में लगे रहते हैं लेकिन उनकी जानकारी कम ही लोगों तक पहुंच पाती है। हमारी कोशिश है कि इस खंड में हम ऐसी ही गतिविधियों और ख़बरों को शामिल करें … चित्रों और वीडियो के साथ।
साहित्य अकादमी के वार्षिक समारोह साहित्योत्सव का 12 फरवरी से आगाज हो गया। छह दिवसीय इस आयोजन के पहले दिन साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेताओं को अवॉर्ड दिए गए। हिंदी के रमेश कुंतल मेघ समेत 24 लोगों को अकादमी पुरस्कार से नवाजा गया। साहित्य प्रेमियों को उनसे रूबरू होने और सवाल पूछने का मौका भी मिला।
Read Moreइंदिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केन्द्र में आयोजित प्रथम अंतर्राष्ट्रीय कला मेला ने रंग जमाना शुरू कर दिया है। मेले के दूसरे दिन नोबल पुरस्कार विजेता डॉ. कैलाश सत्यार्थी भी मेला देखने पहुंचे जबकि शाम में साहित्य कला परिषद् की ओर से फ्यूज़न डांस पेश किया गया। डॉ सत्यार्थी ने कई कलाकारों से मुलाकात की और उनसे उनकी कला के बारे में जाना। उनका मानना है कि देश भर के स्कूली बच्चों को और नई पीढ
Read Moreललित कला अकादमी का पहला अंतर्राष्ट्रीय कला मेला 4 फरवरी से दिल्ली में शुरू हो गया। पहले अंतर्राष्ट्रीय कला मेला की शुरूआत करते हुए उप राष्ट्रपति एम वेंकय्या नायडू ने कला की विविधता और संस्कृति की बहुलता वाले अपने देश को दुनिया का सबसे बेहतरीन देश बताया और कहा कि यहां के रंग आपको और कहीं नहीं मिल सकते। उन्होंने कला मेले को एक शानदार पहल बताते हुए इसे कला और कलाकारों का एक अंतर्राष्
Read Moreझूमते इठलाते, खुशबू बिखेरते, अपनी खूबसूरती से सबको लुभाते इन फूलों की बात ही कुछ और है। ये फूल कहीं और होते तो आम होते, लेकिन देश के महामहिम के विशाल अहाते में इनकी अदा ही कुछ और है, यहां ये इतने खास हैं कि इन्हें देखने लाखों लोग आते हैं। फूलों को तो कम लेकिन महामहिम के बेहतरीन राष्ट्रपति भवन को एकदम करीब से देखने के उत्साह और कौतूहल से लबरेज़ होकर ज्यादा। इस बार मुगल गार्डन आम लोगों के
Read Moreकला और संस्कृति की बेहतरी, संरक्षण और प्रोत्साहन के लिए काम करने वाली देश की सबसे बड़ी संस्था ललित कला अकादमी 4 से 18 फरवरी तक अन्तर्राष्ट्रीय कला मेला का आयोजन करने जा रही है। दिल्ली के इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केन्द्र में रोजाना 12 बजे से रात 8 बजे तक पहली बार इतने बड़े पैमाने पर हो रहे इस कला मेले में देश विदेश के कलाकार और कला समूह अपनी कलाकृतियाँ और सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश करने
Read Moreकर्नाटक में बाल दिवस के मौके पर हर साल 'मक्काला हब्बा' के नाम से एक बेहतरीन आयोजन होता है। इस मौके पर राज्य के सभी मंत्रालय और विभागों के साथ साथ तमाम स्वयंसेवी संगठन, स्कूल और संस्थान अपने अपने तरीके से कला-संस्कृति और परंपरागत ग्रामीण खेलों से जुड़े तमाम रंग पेश करते हैं। यह एक ऐसा सामूहिक और दिलचस्प आयोजन होता है जहां अभिभावक, माता-पिता और बच्चे साथ साथ अपने बचपन को जीते हैं, हर तरह
Read Moreअखिल भारतीय लोक व आदिवासी कला परिषद के जनरल सेक्रेटरी, मार्शल आर्ट के मास्टर और अपने स्टंट की बदौलत फिल्म इंडस्ट्री में अलग पहचान बनाने वाले हसन को उनके अभूतपूर्व योगदान के लिए कर्नाटक सरकार ने राज्योत्सव अवार्ड से सम्मानित किया। बेंगलुरू के एक राजकीय समारोह में मुख्यमंत्री सिद्धारमैय्या और संस्कृति मंत्री उमाश्री ने हसन रघु को यह सम्मान दिया।
Read Moreलघु चित्रकलाएं उन कलाओं में से एक है जिनका सीधा सम्बन्ध हमारी लोक कला और संस्कृति से है। लघुचित्र कलाएँ भारत की धरोहर रही हैं चाहे वो राजस्थानी हो, कांगड़ा हो या पहाड़ी। लघु चित्रकला भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो सदियों से हमारी सांस्कृतिक विरासत को अपने में संजोये हुए है।
Read Moreआंदोलन की लम्बी गहमागहमी और बंदी के सन्नाटे से उबरने के बाद बीएचयू ताज़ा-ताज़ा खुला ही था जब हम वहां पहुंचे। 8 अक्टूबर, प्रेमचंद की पुण्यतिथि का दिन। वहां अपने कार्यक्रम 'कथावाचन' में हमें प्रेमचंद की 3 कहानियों की प्रस्तुति देनी थी। रविवार होने के चलते रंगलीला की पूरी 'कथावाचन' रंगमंडली को शुबहा था कि दर्शक और श्रोता आएंगे भी या यहाँ साढ़े पांच सौ किमी० से भी ज़्यादा दूरी तक आने की हमारी
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