देश विदेश के अलग अलग हिस्सों में भारतीय साहित्य, कला और संस्कृति से जुड़े तमाम कार्यक्रम होते हैं, ढेर सारी गतिविधियां होती हैं। कई ख़बरें भी होती हैं जो हम तक नहीं पहुंच पातीं। गोष्ठियां, कार्यशालाएं होती हैं, रंगकर्म की तमाम विधाओं की झलक मिलती है और लोक संस्कृति के कई रूप दिखते हैं। नए कलाकार, नई प्रतिभाएं और संस्थाएं साहित्य-संस्कृति को समृद्ध करने की कोशिशों में लगे रहते हैं लेकिन उनकी जानकारी कम ही लोगों तक पहुंच पाती है। हमारी कोशिश है कि इस खंड में हम ऐसी ही गतिविधियों और ख़बरों को शामिल करें … चित्रों और वीडियो के साथ।
सोशल मीडिया के इस दौर में तमाम नए रचनाकारों की बेहतर अभिव्यक्ति तो ज़रूर नज़र आती है लेकिन वो अपने अलावा दूसरों को कितना पढ़ रहे हैं और सचमुच उनमें पढ़ने के प्रति दिलचस्पी है या नहीं, यह देखना बहुत ज़रूरी है। वरिष्ठ लेखक और उपन्यासकार विभूति नारायण राय ने गाजियाबाद के रचनाकारों के बीच अपनी यह चिंता जाहिर की और कहा कि तकनीकी तौर पर साहित्य की दुनिया भले ही समृद्ध हुई है लेकिन नए लेख
Read Moreजब कोई स्कूल अपने परिसर में साहित्य औऱ संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए नियमित आयोजन करने लगे तो ये संकेत साफ जाता है कि कम से कम उस स्कूल में तैयार हो रही नई पीढ़ी के लिए साहित्य और संस्कृति की परंपरा और मूल्यों को ज़रूर अहमियत दी जाती होगी। शहर का सिल्वर लाइन प्रेस्टिज स्कूल ऐसी ही एक मिसाल कायम कर रहा है। अपने नियमित साहित्यिक आयोजनों की कड़ी में इस स्कूल ने अपनी नेहरू नगर शाखा में क
Read Moreगाजियाबाद में साहित्य और संस्कृति से जुड़ी तमाम गतिविधियों की कड़ी में लगातार होने वाले नाटकों, संगीत आयोजनों और साहित्य चर्चाओं ने शहर को एक नया मिजाज़ दिया है। गांधर्व संगीत महाविद्यालय के 39वें वार्षिकोत्सव कार्यक्रम के दौरान भी इसकी साफ झलक मिली।
Read Moreजाने माने पत्रकार कुलदीप नैयर को देश के तमाम हिस्सों में अपने अपने तरीके से याद किया जा रहा है। 95 साल की उम्र तक लगातार सक्रिय रहते हुए सबको अलविदा कह गए कुलदीप नैयर को गाजियाबाद में भी पत्रकारों, बुद्धिजीवियों और साहित्यकारों ने याद किया। वयोवृद्ध पत्रकार और कवि कृष्ण मित्र ने उस दौर की चर्चा की जब वे वीर अर्जुन अखबार में अटल जी के साथ काम करते थे। उन्होंने बताया कि उस दौर में तमा
Read Moreअमर उजाला के सलाहकार संपादक उदय कुमार मॉरीशस से लगातार विश्व हिन्दी सम्मेलन पर बेहतरीन रिपोर्ताज अपने अखबार और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भेज रहे हैं। सम्मेलन के आखिरी दिन यानी सोमवार 20 अगस्त को क्या कुछ हुआ , हिन्दी को विश्व की भाषा बनाने के साथ ही बदलते तकनीकी दौर और डिजिटल युग के साथ जोड़ने और विकसित करने को लेकर सम्मेलन में क्या विचार आए , उदय जी की इस रिपोर्ट से इसकी विस्तृत जानकार
Read More11वें विश्व हिंदी सम्मेलन के दूसरे दिन चर्चा के केंद्र में भारतीय सांस्कृतिक विरासत ही रही। चर्चा में भाग ले रहे विद्वानों में हिंदी के प्रचार-प्रसार के साथ भारत की सांस्कृतिक विविधता और विशेषता को भी बड़े फलक पर चमकाने की ललक दिखाई दी। इस बात पर लगभग सभी एकमत दिखे कि हिंदी को विश्व भाषा बनाने के साथ भारतीय संस्कृति को भी उसी स्तर पर प्रसारित करने की जरूरत है।
Read Moreअमर उजाला के सलाहकार संपादक उदय कुमार इन दिनों पोर्ट लुई में चल रहे 11वें विश्व हिन्दी सम्मेलन में हिस्सा लेने मॉरीशस में हैं। अमर उजाला और अमर उजाला डॉट कॉम पर उदय जी वहां के सत्रों के कई पहलुओं पर लिख रहे हैं। हिन्दी फिल्मों का भारतीय संस्कृति से कितना गहरा नाता है ये बताने की कोशिश की प्रसून जोशी ने। उदय कुमार की ये रिपोर्ट हम अमर उजाला से साभार '7 रंग 'के पाठकों के लिए पेश कर रहे ह
Read Moreपॉलपोथन नगर इफको टाउनशिप में स्वतंत्रता दिवस उल्लास के साथ मनाया गया। समारोह स्थल पर पहुंचे मुख्य अतिथि इफको आंवला के कार्यकारी निदेशक श्री जी के गौतम ने परेड का निरीक्षण किया एवं ध्वजारोहण कर परेड की सलामी ली। परेड में शामिल इफको सुरक्षागार्ड ,केन्द्रीय विद्यालय के बच्चे एवं स्काउट गाइड के मजबूत इरादे और देश भक्ति के प्रति जज्बा देख पूरा स्टेडियम तालियों से गूंज उठा। विशेष वा
Read Moreगाजियाबाद के सिल्वर लाइन प्रेस्टीज स्कूल में स्वतंत्रता दिवस उल्लास पूर्वक मनाया गया। बुलंदशहर रोड स्थिति सीनियर ब्रांच में नन्हें मुन्ने बच्चों सहित सीनियर छात्रों ने देश भक्ति से ओतप्रोत गीतों पर एक से एक बढ़िया प्रस्तुति दी। छात्रों ने प्लास्टिक से होने वाले नुकसान के प्रति जागरूक करने का संदेश नाटिका के माध्यम से दिया, वहीं छात्राओं ने नृत्य नाटिका के माध्यम से जल संरक्षण
Read Moreहिंदी के मशहूर लेखक राजकुमार गौतम का मानना है कि किताबों से जब मनुष्य बदलता है तब पूरी दुनिया बदलती है। कुछ सिरफिरे बंदूक के बूते दुनिया बदलने की कोशिश कई बार कर चुके हैं। लेकिन बंदूक से हिंसा ही निकलती है और किताब से प्रेम निकलता है। प्रेम ही मनुष्य को इंसान बनाने के साथ उसे इंसाफ के रास्ते पर ले जाता है।
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