Month: November 2015
लोक रंगमंच सरकार की असहिष्णुता का शिकार – सीमा विश्वास
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November 19, 2015

एक तरफ जहां देश में सहिष्णुता और असहिष्णुता की बहस छिड़ी है, वहीं अब रंगमंच और सिनेमा से जुड़ी हस्तियों ने सरकार में एक नए तरीके की असहिष्णुता भी खोज निकाली है| हिंदी फिल्म ‘बैंडिट क्वीन’ में अपने दमदार अभिनय की बदौलत अपनी पहचान बनाने वाली अभिनेत्री और थिएटर कलाकार सीमा विश्वास को लगता है कि देश में सहिष्णुता और असहिष्णुता की बहस बेमानी है|

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विश्व सहिष्णुता दिवस के पहले मोदी पर सहिष्णु होते महेश भट्ट
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November 16, 2015

विश्व सहिष्णुता दिवस पर पूरी दुनिया में सहिष्णुता की चर्चा में भारत में सहिष्णुता पर छिड़ी जंग सुर्खियाँ बने इसके पहले बालीवुड फिल्मों के प्रयोगधर्मी निर्देशक महेश भट्ट जरुर कुछ सहिष्णु होने की कोशिश कर रहे हैं| विदेश की धरती पर असहिष्णुता पर पीएम मोदी के बयान का हिंदी फिल्म डायरेक्टर महेश भट्ट ने अपने ही अंदाज में स्वागत किया है|

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‘आवारा मसीहा’ के गवाह रहे संबताबेर को लगी बाजारीकरण की हवा
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November 16, 2015

मिट्टी का दो मंजिला मकान। दक्षिणमुखी। टाली की छत। ऊपरी मंजिल पर टेरेस। वहां बैठकर साहित्य रचना करते थे कथाशिल्पी शरत चंद्र चटर्जी। पश्चिम बंगाल में हावड़ा के बनगांव इलाके में एक जगह है देउलटी। कोलकाता से लगभग 55-60 किलोमीटर दूर। यहां से गुजरने वाली बांबे रोड सेधूल भरी एक कच्ची सड़क मुड़ती है, जो सीधे रूपनारायण नदी के किनारे ले जाती है। गांव का नाम है संबताबेर।

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गंभीर बहस पर सवाल उठाती मृणाल सेन की गैरहाजिरी
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November 15, 2015

देश का दूसरा सबसे बड़ा फिल्म समारोह कोलकाता फिल्म फेस्टिवल असहिष्णुता अौर आतंकवाद को लेकर बहस के बीच शुरू हुअा। 14 नवंबर को समारोह का उद्घाटन अमिताभ बच्चन ने किया। अमिताभ बच्चन, जया बच्चन, रानी मुखर्जी समेत मुंबई से कई सितारों का जमघट कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में दिखा, जहां समारोह आयोजित किया गया था।

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बदलते दौर में कठपुतली कला को बचाने की कोशिश
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November 11, 2015

क्या आज कठपुतली कला कहीं गुम हो रही है या फिर इसमें नए प्रयोग किए जा रहे हैं... तमाम लोक कलाओं की तरह कठपुतली को लेकर जो चिंता इससे जुड़े कलाकार जताते रहे हैं, उनमें आज के दौर के हिसाब से क्या सचमुच बदलाव आ रहा है.. ये तमाम सवाल जब हमने कठपुतली को बचाने और इसके विकास के लिए काम कर रहे दादी पदुमजी से पूछे तो उनके चेहरे पर कोई खास उत्साह के भाव नहीं दिखे।

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