विश्व सहिष्णुता दिवस के पहले मोदी पर सहिष्णु होते महेश भट्ट

इलाहाबाद: विश्व सहिष्णुता दिवस पर पूरी दुनिया में सहिष्णुता की चर्चा में भारत में सहिष्णुता पर छिड़ी जंग सुर्खियाँ बने इसके पहले बालीवुड फिल्मों के प्रयोगधर्मी निर्देशक महेश भट्ट जरुर कुछ सहिष्णु होने की कोशिश कर रहे हैं| विदेश की धरती पर असहिष्णुता पर पीएम मोदी के बयान का हिंदी फिल्म डायरेक्टर महेश भट्ट ने अपने ही अंदाज में स्वागत किया है| उन्होंने कहा है कि देर से ही सही पीएम ने अपनी बात कही है जिसका स्वागत किया जाना चाहिए| लेकिन दबी जुबान में वह कभी असहिष्णुता के राग में राग मिलाते और कभी असमंजस में ही नज़र आये|
इलाहाबाद में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे महेश भट्ट ने कहा कि 125 करोड़ के हिंदुस्तान को एक चश्में से नहीं समझा जा सकता है| अवार्ड वापस कर रहे लोगों को इसका हक़ है और वह ऐसा कर सकते हैं| लेकिन उन्होंने यह भी बात इशारों इशारों में कहा कि जो लोग अवार्ड वापस कर रहे हैं उनमे बहुत से लोग राजनीतिक भी हैं साथ ही कुछ गैर राजनैतिक भी हैं|
mahesh
सहिष्णुता और असहिष्णुता की बहस में अपना पाला खोजते नजर आये महेश भट्ट यह भी कहते रहे कि बावजूद इसके बात इतनी बिगड़ी नहीं है कि हम एक दूसरे से रूठ कर हमेशा के लिए बैठ जाएं|
उन्होंने कहा है कि मुल्क में अच्छा माहौल बनाने के लिए आगे आने की जिम्मेदारी केवल सरकार की नहीं है कि सरकार से ज्यादा जिम्मेदारी हमारी आपकी है और हमें आपको इसके लिए अपने अपने फ़ासले दूर करना होगा|
अनुपम खेर के साथ अपने संबंधो को लगातार अच्छा बताते हुए महेश भट्ट ने अनुपम खेर की राजनैतिक विचारधारा से नाइत्फाकी जताई और कहा कि अनुपम को सरकार और विरोध करने वालों के बीच एक सेतु बनना चाहिए।

इलाहाबाद से दिनेश सिंह की रिपोर्ट

Posted Date:

November 16, 2015

4:00 pm
Copyright 2023 @ Vaidehi Media- All rights reserved. Managed by iPistis