और अब विनोद दुआ भी चले गए …

और विनोद दुआ भी चले गए… कुछ महीने पहले चिन्ना दुआ गई थीं तो कोरोना से टूट चुके विनोद जी बेहद अकेले हो गए थे… खुद को उबारने की कोशिश बहुत की, लेकिन बाहर नहीं निकल सके…उनका जाना एक जीवंत और जुझारू शख्सियत का बहुत जल्दी चले जाने जैसा है… उनमें एक पत्रकार के साथ साथ पूरा देश बसता था, यहां की संस्कृति, मिट्टी की महक, ज़ायके की खूशबू और सियासत की बात करें तो सत्ता की विद्रूपताओं पर उनकी तल्ख व्यंग्यात्मक टिप्पणियां… उनका अंदाज़ खास था… उनकी पेशकश लोगों को बांध लेती थी और और वो एकदम आपके घर के अपने से लगते थे… स्वराज एक्सप्रेस चैनल में काम करते हुए उनके साथ कई लम्हे गुजरे, उनके अनुभव, उनके किस्से, संगीत और संस्कृति पर उनकी पकड़… सबकुछ जानने समझने को मिला…

विनोद दुआ शो के लिए होने वाली सुबह की ऑनलाइन बैठकें, मुद्दों पर चर्चा और उनकी बातों में साहित्य कला संस्कृति की झलक… साथ ही तरह तरह की बाइक और कारों के बारे में उनका ज्ञान… बहुत सी बातें और जीवंतता… उन्हें हम बचपन से देखते सुनते आए.. दूरदर्शन पर उनके और प्रणय राय के चुनावी विश्लेषण सुने, परख जैसा कार्यक्रम देखा और एनडीटीवी पर जायका इंडिया में उनका फ्लेवर देखा… अद्भुत शख्सियत थे विनोद दुआ.. सत्ता के खिलाफ बड़े प्यार से बोलते थे, जाहिर है मौजूदा सत्ता की आंखों में खटकते थे… सबके साथ उनके हंसने बोलने और मजाक करने की आदत ने उन्हें कुछ विवादों में भी घसीटा, लेकिन वह हंसते हंसते सबसे लड़ते रहे…लेकिन नहीं लड़ पाए तो कोरोना से और उसके बाद अपनी सबसे प्यारी दोस्त और हमसफर चिन्ना दुआ के पहले चले जाने से.. भीतर से टूट चुके थे.. लेकिन बातचीत में आखिरी दौर तक भी जीवंतता को बरकरार रखने की कोशिश करते रहे… उनका जाना हिन्दी पत्रकारिता जगत और खासकर टेलीविजन की दुनिया के लिए एक सदमे जैसा है.. सात रंग परिवार की ओर से विनोद दुआ और पद्मावती यानी चिन्ना दुआ को सादर नमन और श्रद्धांजलि…

Posted Date:

December 4, 2021

8:31 pm Tags: , , , , ,
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