काक का कोना

जाने माने कार्टूनिस्ट काक जितने सरल हैं, उनकी काक दृष्टि उतनी ही पैनी है। उनका आम आदमी देश का वो तबका है जो ज़िंदगी की जद्दोजहद में हर रोज़ दुनिया को अपने नजरिये से देखता है… और सबसे बड़ी बात कि वह खामोश नहीं रहता.. कोई न कोई टिप्पणी जरूर करता है और वह भी देसी भाषा और गंवई अंदाज़ में….

उन्नाव के एक गांव में जन्मे और अब 80 बरस के हो चुके काक अब भी रोज़ कार्टून बनाते हैं और उसी शिद्दत के साथ… बचपन से कार्टून का शौक तो था ही… सरकारी नौकरी करते हुए भी उन्होंने अपना यह शौक बरकरार रखा और तमाम अखबारों के लिए कार्टून बनाते रहे। दो दर्जन से ज्यादा पत्र पत्रिकाओं में उनके कार्टून नियमित छपते रहे हैं.. नवभारत टाइम्स और जनसत्ता के अलावा राजस्थान पत्रिका, चौथी दुनिया,  दैनिक जागरण में उन्होंने लंबे वक्त तक कार्टून बनाए और कभी भी सत्ता के आगे घुटने नहीं टेके… पिछले 54 सालों से काक लगातार कार्टून बना रहे हैं और समसामयिक मुद्दों को बेहद दिलचस्प तरीके से उठाते रहे हैं…

काक के कार्टून अब आप नियमित 7 रंग पर देख सकेंगे… तो आइए काक साहब के कार्टूनों की दुनिया में….

Posted Date:

May 22, 2020

6:36 pm
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