बलराज साहनी : कई चेहरों वाली शख़्सीयत
7 Rang
April 13, 2025

944 की गर्मियाँ...। रावलपिंडी स्टेशन पर एक बड़ी भीड़ फ्रंटियर मेल का इंतजार कर रही थी। शहर का एक होनहार युवा बी.बी.सी., लंदन की नौकरी से वापस लौट रहा था। वहाँ के लिए यह एक गर्व की बात थी। स्टेशन पर युवक के माता-पिता, भाई, रिश्तेदार उसके दोस्त और रावलपिंडी के कई महत्त्वपूर्ण लोग हाथों में फूलों की मालाएँ लिए उसका स्वागत करने के लिए बेचैन हो रहे थे...। तभी ट्रेन आकर रूकी.... सब फर्स्ट क्लास के डिब्ब

Copyright 2024 @ Vaidehi Media- All rights reserved. Managed by iPistis