‘आवारा मसीहा’ के गवाह रहे संबताबेर को लगी बाजारीकरण की हवा
mm Indianartforms
November 16, 2015

मिट्टी का दो मंजिला मकान। दक्षिणमुखी। टाली की छत। ऊपरी मंजिल पर टेरेस। वहां बैठकर साहित्य रचना करते थे कथाशिल्पी शरत चंद्र चटर्जी। पश्चिम बंगाल में हावड़ा के बनगांव इलाके में एक जगह है देउलटी। कोलकाता से लगभग 55-60 किलोमीटर दूर। यहां से गुजरने वाली बांबे रोड सेधूल भरी एक कच्ची सड़क मुड़ती है, जो सीधे रूपनारायण नदी के किनारे ले जाती है। गांव का नाम है संबताबेर।

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