कायस्थ हमेशा से खाने-पीने के शौकीन रहे हैं. लेकिन ये सब भी उन्होंने एक स्टाइल के साथ किया. आज भी अगर पुराने कायस्थ परिवारों से बात करिए या उन परिवारों से ताल्लुक रखने वालों से बात करिए तो वो बताएंगे कि किस तरह कायस्थों की कोठियों में बेहतरीन खानपान, गीत-संगीत और शास्त्रीय सुरों की महफिलें सजा करती थीं.
चाहे खेल हो, संस्कृति हो, परंपराएं हों या फिर इतिहास के पन्नों में बिखरी ढेर सारी जानकारियां वरिष्ठ पत्रकार संजय श्रीवास्तव बहुत बारीकी से उनपर नज़र डालते हैं। इन दिनों अपने फेसबुक वॉल पर कायस्थों के खान-पान पर अपनी शोधपरक और दिलचस्प जानकारियों के साथ कुछ कड़ियां लिख रहे हैं। हालांकि अब कायस्थ के तमाम परिवार इन परंपरागत खान पान से दूर हो चुके हैं लेकिन इन्हें पढ़ना और उन ज़ायकों