त्रिलोचन की रचनाओं ने हिन्दी साहित्य को जो आयाम दिए और उनकी शैली ने जिस तरह कविता की नई परिभाषा लिखी, उससे आज के रचनाकार बहुत कुछ सीख सकते हैं। मशहूर कवि केदारनाथ सिंह ने त्रिलोचन की जन्म शताब्दी के मौके पर साहित्य अकादमी की ओर से आजित संगोष्ठी का उद्घाटन करते हुए कहा कि त्रिलोचन की कविताएं हमेशा प्रासंगिक रहेंगी। त्रिलोचन ज़मीन से जुड़े एक ऐसे रचनाकार थे जिन्हें संस्कृति और समाज