'श्याम नवगीत और ग़ज़ल का शिल्पी था, सिद्धहस्त सम्पादक, मधुर रचनाओं का रचयिता और संवेदनशील व्यक्ति, उसके रोम-रोम से आत्मीयता छलकती थी। जब-जब मेरी और श्याम की मुलाकात होती वो पल मेरे लिए बहुत सुखद होते उसके पीछे बहुत से कारण हैं।...'